Baghpat News : पुलिस ने मेरठ में हुए प्री मैटिक छात्रवृत्ति घोटाले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम की गिरफ्तारी के लिए विकास भवन बागपत में छापा मारा, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने में सफल नहीं रही। उन्हें छापे की पहले ही भनक लग गई थी, जिससे वह फरार हो गईं। यह घोटाला मेरठ में हुआ था, क्योंकि तब वह वहां तैनात थीं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम का चंद रोज पहले ही हापुड़ से बागपत तबादला हुआ था। कुछ साल पूर्व मेरठ में इसी पद पर तैनात रहीं हैं।
यह है पूरा मामला
तब मेरठ में भारत सरकार से मिली अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में बड़ा घोटाला हुआ था। आरोप है कि स्कूल संचालकों और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने करोड़ों के वारे-न्यारे किए हैं। मामला आर्थिक अपराध शाखा मेरठ को सौंपा गया था। वर्ष 2013 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत थाना सिविल लाइंस, मेरठ में मामला दर्ज कराया गया था। शासन ने विवेचना की अंतिम प्रगति आख्या को स्वीकृत कर प्रकरण में दोषी अभियुक्तों के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर चार्जशीट अदालत में प्रेषित करने की अनुमति दी। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन मेरठ ने बागपत के एसपी और डीएम को लिखित में अवगत कराया कि इस प्रकरण में मेरठ की तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम निवासी 40 न्यू शिवलोक पुरी कंकरखेड़ा उक्त अभियोग में वांछित हैं। जिनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जानी है।
कॉल करने पर मोबाइल स्विच आफ आया
आर्थिक अपराध शाखा मेरठ से उक्त पत्र मिलने के बाद एसपी बागपत नीरज कुमार जादौन ने सीडीओ बागपत को इस संबंध में नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने को लिखित में अवगत कराया। आर्थिक अपराध शाखा मेरठ की पुलिस टीम ने गुरुवार दोपहर विकास भवन बागपत में छापा मारा, पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को गिरफ्तार करने में सफल नहीं रही। यह टीम एसपी बागपत से भी मिली। वहीं, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम को उनका पक्ष जानने को मोबाइल पर काल की, तो मोबाइल स्विच आफ आया।