Greater Noida/Bulandshahr : गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। सिकंदराबाद और दादरी के बीच एक हाइटेक टाउनशिप बसाई जाएगी। जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। जमीन पर दावे और आपत्तियों का निस्तारण अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक अब हाईटेक टाउनशिप का निर्माण 3 माह में शुरू होने की उम्मीद है।
तैयार हो चुकी है टाउनशिप की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट
बुलंदशहर जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक टाउनशिप की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। टाउनशिप में 600 एकड़ जमीन पर आवासीय और 300 एकड़ जमीन में ग्रीन बेल्ट का निर्माण होगा। शेष जमीन पर व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। टाउनशिप की संशोधित डीपीआर तैयार हो चुकी है। जिसके मुताबिक यहां स्कूल और अस्पताल बनेंगे। टाउनशिप में शासन के नियमानुसार कुल भूमि का 35-40 फ़ीसदी आवासीय, 4-6 फ़ीसदी कमर्शियल, 4-6 फ़ीसदी इंडस्ट्रियल, 8-10 फ़ीसदी पब्लिक यूटिलिटी, 15 -18 फ़ीसदी ग्रीन बेल्ट, 18-20 फ़ीसदी रोड निर्माण और 3 से 5 फ़ीसदी रिकरेशनल उपयोग के लिए निर्धारित किया गया है।
टाउनशिप में हर वर्ग के लिए आवासीय सुविधाएं होंगी
इस टाउनशिप के कमर्शियल सेक्टर में दुकान और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स होगा। पब्लिक और सैमी पब्लिक में आंगनवाड़ी, जूनियर हाईस्कूल और हेल्थ सेंटर होंगे। आवासीय में प्लॉट, एलआईजी आवास और ईडब्ल्यूएस आवास होंगे। बुलंदशहर में हाईटेक टाउनशिप बसाने की योजना 22 साल पहले वर्ष 2000 में तैयार की गई थी। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने योजना पर कोई ध्यान नहीं दिया। दो दशक से ज्यादा वक्त तक इस योजना की फाइल धूल खाती रही। पिछले साल शासन स्तर से टाउनशिप बसाने के लिए काम को बढ़ाया गया। पिछले साल शासन ने 1600 एकड़ पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
टाउनशिप पर काम करने वाली कंपनी पीछे हट गई
पिछले साल इस प्रोजेक्ट को एक बड़ा झटका लगा, जब परियोजना पर काम करने वाले फर्म ने इंकार कर दिया। अब नोएडा की एक दूसरी फर्म मोसर्स उत्तम स्टील टाउनशिप बनाने के लिए काम कर रही है। शासन के निर्देश पर कार्यदायी संस्था और डीडीए के टाउन प्लानर ने डीपीआर तैयार की थी। बाद में इसे संशोधन कराने के निर्देश कंपनी के अधिकारियों को दिए गए। जुलाई 2021 में शासन द्वारा नामित आवास और शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव, नगर व ग्राम नियोजन संगठन भारत सरकार के मुख्य नियोजक, आईआईटी रुड़की के अर्बन प्लैनिंग एंड आर्किटेक्चर विभाग के अध्यक्ष, बीडीए के मुख्य अभियंता और वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी ने डीपीआर की समीक्षा की। इसके बाद डीपीआर को शासन को भेज दिया गया।