BundelKhand Expressway | Uttar Pradesh : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश का सबसे पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाला बुंदेलखंड को अब नई रफ्तार मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी और यूपी की इंडस्ट्रियल कैपिटल कानपुर से जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (BundelKhand Expressway) को अगले हफ्ते 12 जुलाई को उद्घाटन करने आ रहे हैं। एक्सप्रेस-वे राज्य के सात जिलों को जोड़ता है, जिसमें 13 इंटरचेंज प्वाइंट होंगे। हाल में ही एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ अवनीश अवस्थी ने इस हाईवे का मौके पर जाकर निरीक्षण किया था।
एक्सप्रेस वे का शिलान्यास 29 फरवरी 2020 को हुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश को पांचवा एक्सप्रेसवे मिल जाएगा। मोदी ने इस एक्सप्रेस वे का शिलान्यास 29 फरवरी 2020 को किया था। एक्सप्रेस वे की खास बात यह है लॉकडाउन के बावजूद लगभग 300 किलोमीटर लंबा हाईवे मात्र 2 साल 4 महीने में बनकर तैयार हो गया है। यह प्रोजेक्ट तय समय से 10 महीने ही पूरा हो गया है।
करीब 1,132 करोड़ रुपये की बचत
प्रदेश सरकार ने इस निर्माण के कार्य में करीब 1,132 करोड़ रुपये की बचत भी की है, जो कि कुल अनुमानित लागत का 12.72% है। अभी चार लेन में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को आगे चलकर छह लेन तक बढ़ाने की योजना है। इस नए एक्सप्रेस-वे की एक और खासियत यह भी है कि यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से इटावा के पास जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ लखनऊवालों को भी बुंदेलखंड तक सीधा रूट मिल जाएगा।
बुंदेलखंड क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा
बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रगति में विकास के लिए राज्य सरकार ने जनपद चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जैसे आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों के सर्वांगीण विकास के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण का संकल्प लिया है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे एवं यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ेगा और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
परियोजना का प्रारम्भ स्थल :
झांसी-इलाहाबाद राष्ट्रीय मार्ग संख्या-35 भरतकूप के पास जनपद चित्रकूट
परियोजना का अन्तिम स्थल : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ग्राम कुदरैल के पास जनपद इटावा
परियोजना की लम्बाई : कुल 296.070 किमी
परियोजना से लाभान्वित जनपद : चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरेया और इटावा
परियोजना से लाभ :
एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे एवं यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से त्वरित एवं सुगम यातायात के कारिडोर से जुड़ जाएगा।
एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियन्त्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियन्त्रण भी संभव हो सकेगा।
परियोजना से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कारिडोर विकसित होगा जो क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा।
एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे।
एक्सप्रेसवे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण गृह, मण्डी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।