27 सालों में कितनी कारें चोरी कीं, जानकर होंगे हैरान

देश का सबसे बड़ा कार चोर पकड़ा गया : 27 सालों में कितनी कारें चोरी कीं, जानकर होंगे हैरान

27 सालों में कितनी कारें चोरी कीं, जानकर होंगे हैरान

Google Image | गिरफ्तार आरोपी

New Delhi : दिल्ली पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। मिली जानकारी अनुसार दिल्ली पुलिस ने देश के सबसे बड़े कार चोर अनिल चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें अनिल पर 27 साल में 5000 से भी ज्यादा कारें चुराने का आरोप है और कार चोरी के अलावा भी अनिल पर हत्या ,आर्म्स एक्ट और तस्करी जैसे मामले भी दर्ज हैं। सेंट्रल दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने अनिल चौहान को असम से गिरफ्तार किया है और बताया जा रहा है कि अनिल पिछले 27 सालों से अपराध की दुनिया में निरंतर एक्टिव रहा है। उसने 1990 के दशक में सबसे ज्यादा (मारुति) कुल 800 कारें चोरी की थीं। पुलिस के मुताबिक अनिल चोरी की गईं कारों को जम्मू कश्मीर, नेपाल और उत्तर पूर्व के राज्यों में बेंच देता है।

असम सरकार में पहले ए क्लास कॉन्ट्रैक्टर भी था
आपको बता दें अनिल चौहान असम सरकार में पहले ए क्लास कॉन्ट्रैक्टर भी था। बाद में ईडी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी सारी गैरकानूनी संपत्तियों को जब्त कर लिया था। जिसके बाद उसके संपत्ति की नीलामी कर दी गई। जांच में पता चला था कि अनिल चौहान गैंडे के सींगों की भी स्मगलिंग करता था। वहीं पुलिस ने अनिल के पास से 6 अवैध पिस्टल, 7 कारतूस, चोरी की गई एक बाइक और एक कार भी बरामद की है।

किसी जमाने में ऑटो रिक्शा चालक था अनिल
अनिल चौहान 1990 की दशक में दिल्ली के खानपुर इलाके में ही रहता था और ऑटो रिक्शा चलाता था। जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा, शुरुवाती तौर पर वह कार चुराने लगा। जुर्म की दुनिया में अपना हाथ जमाने के बाद फिर कभी उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

7 साल पहले भी गया था जेल
इससे पहले भी असम पुलिस ने 7 साल पहले अनिल चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, तब उस पर असम, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों से करीब साढ़े चार हजार से ज्यादा कार चुराने का आरोप लगा था। जिस पर अनिल ने पुलिस के पूछताछ में 4552 कारें चुराकर बेंचने का आरोप भी स्वीकार किया था। अनिल चौहान का नेटवर्क दिल्ली से लेकर असम और महाराष्ट्र तक काफी फैला हुआ है। अनिल पर उस वक्त में भी दिल्ली से लेकर असम तक के कई राज्यों में साढ़े तीन हजार मामले दर्ज किए गए थे।

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