New Delhi : पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके पद्म भूषण से सम्मानित बिंदेश्वरी पाठक का मंगलवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। दिल्ली स्थित कार्यालय में ध्वजारोहण के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले बिंदेश्वरी पाठक को सुलभ इंटरनेशनल संस्था की स्थापना के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना 1970 में की गई थी।
झंडारोहण के बाद आया हार्ट अटैक
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया। नई दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया, जहां वह जिंदगी की जंग हार गए। वह दो दिनों पहले ही पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे।
सामाजिक सुधारों के अगुआ भी रहे
बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में से एक है। उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की, जो मानव अधिकारों, पर्यावरण, स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।
स्वच्छता के संदेशवाहक थे बिंदेश्वरी पाठक
बिंदेश्वरी पाठक ने सुलभ शौचालयों को संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस निर्माण का अभिनव उपयोग किया। उसे उन्होंने तीन दशक पहले डिजाइन किया था। अब दुनियाभर के विकासशील देशों में स्वच्छता के लिए एक पर्याय बन रहे हैं। उनके अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।