ऑक्सीजन और कोविड की दवाई देने के नाम पर हजारों लोगों से 2 करोड़ की ठगी, विदेश में भी बैठा गैंग

एनसीआर में समाज के दुश्मन : ऑक्सीजन और कोविड की दवाई देने के नाम पर हजारों लोगों से 2 करोड़ की ठगी, विदेश में भी बैठा गैंग

ऑक्सीजन और कोविड की दवाई देने के नाम पर हजारों लोगों से 2 करोड़ की ठगी, विदेश में भी बैठा गैंग

Google Image | दो आरोपी गिरफ्तार

पूरे भारत में इस समय ऑक्सीजन और कोविड-19 की दवाई को लेकर महामारी फैली हुई है। लोग ना जाने कैसी-कैसी परेशानियों का सामना करके अपने कोविड-19 मरीज के लिए ऑक्सीजन और दवाई का इंतजाम कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं। जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठा कर कालाबाजारी का धंधा कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड-19 दवाइयों के नाम पर 2 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी की है।

कैसे करते थे ठगी
जांच में पता चला है कि इनमें से एक युवक नाइजीरिया और दूसरा युवक घाना का रहने वाला है। जब से कोरोना संक्रमण महामारी फैली है। तब से ही यह दोनों कालाबाजारी का धंधा कर रहे हैं। यह अपने नंबर कुछ सोशल मीडिया पर अपलोड करते थे। जिसके बाद कोरोना संक्रमित मरीज के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग करते थे। यह आरोपी अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाने के बाद मोबाइल को स्विच ऑफ कर लेते थे। जांच में पता चला है कि यह दोनों आरोपी अभी तक करीब एक हजार लोगों से 2 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। यह कोविड-19 की दवाई देने के नाम पर भी 40 से 50 हजार तक की ठगी करते थे।

डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि उनको काफी समय से इस मामले में शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद उन्होंने एसीपी अरविंद कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। इस मामले में क्राइम ब्रांच टीम और दिल्ली पुलिस ने मिलकर 6 टीमें बनाई और आरोपी के नंबर 8586918622 को टेक्निकल सर्विलांस को ट्रक करना शुरू कर दिया। जिसके बाद इस नंबर की लोकेशन संगम विहार, जामिया नगर, खिड़की एक्सटेंशन, मालवीय नगर इलाकों में मिलती रही। लेकिन कुछ समय बाद ही मोबाइल बंद हो जाता था। पुलिस की टीमें अर्लट हो गई और सभी स्थानों पर जांच करने लगी। 

विदेशों में भी बैठा गैंग
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि पुलिस ने इस दौरान चीका और जॉनाथन को अरेस्ट किया है। दो विदेशी नागरिक है। कोरोना काल में जब ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की कमी हुई तो इन लोगों ने मौके का फायदा उठाते हुए यहां पर ठगी का कारोबार शुरू कर दिया। ये लोग अपना प्रचार-प्रसार फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए किया करते थे। इनका एक साथी बेंगलुरु में बैठकर अलग-अलग बैंकों के बैंक अकाउंट मुहैया कराता था। एक बार बैंक में पैसा आते ही उस अकाउंट को खाली कर दिया जाता था। जालसाजी के इस काम में इन दोनों आरोपियों की मदद अफ्रीका में बैठे हुए इनके दूसरे साथी भी कर रहे थे। इस तरह इन लोगों ने करीब 1000 लोगों को ठगा और 20 बैंक अकाउंट एक्टिव किए हुए हैं जिसमें दो करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई।

 

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