दिल्ली में खौफनाक सड़क हादसे में माता-पिता और बच्चे की मौत, बचे बेटे की हालत नाजुक, Video

दर्दनाकः दिल्ली में खौफनाक सड़क हादसे में माता-पिता और बच्चे की मौत, बचे बेटे की हालत नाजुक, Video

दिल्ली में खौफनाक सड़क हादसे में माता-पिता और बच्चे की मौत, बचे बेटे की हालत नाजुक, Video

Tricity Today | डंपर की टक्कर के बाद का दृश्य

राजधानी नई दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में आज, शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक बच्चा और माता-पिता की मौत हो गई। जबकि दूसरे बच्चे की हालत नाजुक है। उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक माता-पिता दो बच्चों के साथ सड़क पर पैदल जा रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आ गए। वीडियो देखकर डंपर की रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है। 
सड़क के किनारे पार्क दो गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। हादसे में माता-पिता और एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दूसरे बच्चे को नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। उसका उपचार चल रहा है। पुलिस को घटना की सीसीटीवी फुटेज मिली है। उसके आधार पर डंपर और चालक का पता लगाया जा रहा है।

दो मासूमों को देखकर भी मुसाफिर गुजरते रहे
दिलवालों की दिल्ली ने एक बार फिर दरियादिली नहीं दिखाई। राजधानी के नजफगढ़ इलाके में शुक्रवार की जल्दी सुबह हुई भयानक हादसे में माता-पिता और दो बेटे लहूलुहान सड़क के किनारे पड़े रहे। मुसाफिर आते-जाते रहे, लेकिन किसी ने रुक कर उनकी मदद करने की जेहमत नहीं उठाई। ऐसा लग रहा था मानो कुछ कदमों की दूरी पर पड़े दो मासूम बच्चे और उनके माता-पिता मुसाफिरों को दिखाई न दे रहे हों। काफी वक्त बाद पुलिस को दुर्घटना की जानकारी मिली। जब तक पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, माता-पिता और एक बच्चे की जान जा चुकी थी। एक मासूम की हालत बेहद नाजुक थी। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। उसका इलाज हो रहा है। मगर हादसे का सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कहा जा सकता है कि सड़के किनारे घायलों से बेपरवाह दिल्ली अपनी चाल चलती रहती है। नहीं तो रोड के किनारे पड़े दो मासूम और उनके माता-पिता गुजरने वालों को क्यों दिखाई नहीं दिए। 

पुलिस का रवैया बड़ी वजह है
हालांकि इसकी वजह कुछ कानूनी अड़चनें भी हैं। ज्यादातर लोग पुलिस के पूछताछ के रवैये को लेकर सशंकित रहते हैं। ऐसे लोग जानबूझकर घायलों की मदद करने से बचना चाहते हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया था कि चश्मदीदों और मददगारों से सिर्फ जानकारी हासिल की जाएगी। पूछताछ के बहाने उनका शोषण नहीं किया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे वाकये सामने आए, जब सड़क हादसों के मामलों में पुलिस ने मददगारों पर दबाव बनाया। इसी के चलते लोग अब भी इस तरह की घटनाओं को देखकर बेपरवाह रहते हैं। इसका खामियाजा दुर्घटना में घायल लोगों को चुकाना पड़ता है। अगर वक्त रहते उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया जाए, तो शायद उन्हें जीवनदान मिल जाए। लेकिन ज्यादातर मामलों में लोग पुलिस को कॉल करने तक की नहीं सोचते। ऐसे में घायलों को समय से इलाज नहीं मिल पाता और उनकी जान चली जाती है।

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