Delhi NCR : दिल्ली से मेरठ का सफर को और सुहाना बनाने के लिए खास तैयारी कर ली गई है। आने वाले दिनों में दिल्ली से मेरठ का सफर 1 घंटे में लोग तय कर पाएंगे। दिल्ली से मेरठ की दूरी तय करने में जहां अभी 3 घंटे का समय लगता है क्योंकि दिल्ली से मेरठ की दूरी 80 किलोमीटर है। वहीं अब दिल्ली से मेरठ की दूरी तय करने में मात्र 1 घंटे लगेंगे। वहीं दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर ट्रायल रन इस साल शुरू होने की उम्मीद है। रैपिड रेल का काम बहुत ही तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि अगले साल तक दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल दौड़ने लगेगी।
रैपिड रेल का अधिकतम उपयोग
परतापुर के यात्री बेगम पुल से लेकर मोदीपुरम तक की यात्रा मेट्रो से बेहद सहूलियत के साथ कर सकेंगे। मेट्रो उसी पटरी पर चलेगी जिस पर रैपिड रेल चलेगी। लेकिन यहां मेट्रो की बात ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए हो जाती है, क्योंकि रैपिड रेल का अधिकतम उपयोग दिल्ली-गाजियाबाद आने-जाने के लिए ही होगा। जबकि मेरठ के किसी भी हिस्से में जाने के लिए मेट्रो का उपयोग करना होगा। क्योंकि रैपिड रेल शहर में सिर्फ चार स्टेशनों पर रुकेगी। ये स्टेशन हैं मोदीपुरम, बेगमपुल शताब्दी नगर और भूड़बराल। जबकि अन्य जो भी स्टेशन बन रहे हैं, उस पर सिर्फ मेट्रो रुकेगी।
हर पांच मिनट में मिलेगी मेट्रो
मेरठ के 21 किमी लंबे रूट पर साउथ से लेकर मोदीपुरम तक 13 स्टेशन हैं, जिनपर मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी। मेट्रो हर पांच मिनट में आएगी। इसमें डिब्बों की संख्या तीन होगी। मेरठ में 3 भूमिगत स्टेशन के अलावा बाकि के 10 स्टेशन एलिवेटेड है। इसमें मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नार्थ, मोदीपुरम व मोदीपुरम डिपो हैं। भूमिगत हिस्से में भैंसाली स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है और जल्द ही अन्य स्टेशनो जैसे मेरठ सेंट्रल और बेगम पुल का कार्य भी शुरू हो जाएगा ।
सुविधाओं से लैस होगी मेट्रो
आरआरटीएस स्टेशन और ट्रेन दोनों ही अनूठी सुविधाओं से परिपूर्ण होंगी। इनमें चौतरफा सीसीटीवी कवरेज, महिलाओं, विकलांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए बैठने की अलग सीटों की प्राथमिकता, वाई-फाई कनेक्शन, बिजनेस क्लास कोच और उनके यात्रियों के लिए एग्जीक्यूटिव लाउंज, एडवांस सुरक्षा स्कैनिंग मैकेनिज्म आदि रहेंगे। आपातकालीन या मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में स्टेशनों के डिज़ाइन में बड़े आकार की लिफ्ट का प्रावधान है, जो मरीजों को स्ट्रेचर सहित ले जाने में सक्षम होंगे।