वाजपेयी जी के जमाने मे सुरंग बनाते वक्त मिली थी मस्जिद, जानिए किस्सा

दिल्ली मेट्रो ने जीता नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड : वाजपेयी जी के जमाने मे सुरंग बनाते वक्त मिली थी मस्जिद, जानिए किस्सा

वाजपेयी जी के जमाने मे सुरंग बनाते वक्त मिली थी मस्जिद, जानिए किस्सा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Delhi NCR : सड़क पर अपने कामों की बदौलत रिकार्ड बनाने के बाद अब दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) ने अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज की है। डीएमआरसी की 'सरमाउंटिंग चैलेंज' नामक फिल्म ने 68वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। मेट्रो ने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ये सूचना शेयर की है। इस फिल्म में दिल्ली मेट्रो से जुड़ी प्रोजेक्ट की कहानी बताई गई है।

प्रोजेक्ट के दौरान मिली मस्जिद
28 मिनट लंबी 'सरमाउंटिंग चैलेंजेज' दिल्ली मेट्रो के फेज-3 प्रोजेक्ट की चुनौतियों का बयां करती है। घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों के अलावा ऐतिहासिक स्थलों के नीचे अंडरग्राउंड सेक्शन इस प्रोजेक्ट को भारत ही नहीं दुनिया के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाता है। दिल्ली गेट से जामा मस्जिद सेक्शन सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण था। 6 जुलाई 2012 को नेताजी सुभाष पार्क एरिया में मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए खुदाई हो रही थी तभी डीएमआरसी को जमीन के भीतर एक मध्यकालीन इमारत के अवशेष मिले।

10-12 फीट नीचे दफन
यह जमीन से करीब 10-12 फीट नीचे दफन था। ये बात जंगल की आग की तरह आस-पास के इलाकों में फैल गई। स्थानीय लोगों का कहना था कि अवशेष 17वीं सदी के अकबराबादी मस्जिद से जुड़ा है। अकबराबादी मस्जिद को मुगल बादशाह शाहजहां ने 1650 में अपनी पत्नी अकबराबादी बेगम के नाम पर बनवाया था।

नेताजी सुभाष मार्ग पर शिफ्ट
सुरंग की खुदाई के दौरान पुरातात्विक महत्व के अवशेष मिलने से डीएमआरसी की चुनौतियां बढ़ गईं। अवशेष को कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए टनल के अलाइनमेंट को बदलने का फैसला किया गया। उसे अति व्यस्त नेताजी सुभाष मार्ग पर शिफ्ट किया गया जिसका ज्यादातर हिस्सा बेहद घने बसावट वाले रिहायशी इलाके दरियागंज के नीचे था। अलाइनमेंट शिफ्ट करना इसलिए चुनौतीपूर्ण था कि पहले यह गैर-रिहायशी खुली जगहों के नीचे से गुजर रहा था। अब उसे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके के नीचे शिफ्ट करना पड़ा।

दिल्ली मेट्रो का उद्घाटन
दिल्ली मेट्रो का उद्घाटन 2002 में हुआ था। वर्तमान में यह दुनिया के कुछ सबसे सफल अर्बन ट्रांसपोर्ट सिस्टम में से एक है जो दिल्ली के सभी जगह को जोड़ता है। दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में भी अहम योगदान दे रहा है। दिल्ली मेट्रो का निर्माण कार्य 1998 में शुरू हुआ था। सबसे पहले रेड लाइन की शुरुआत की गई थी। 285 मेट्रो स्टेशनों के साथ आज दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो रेल नेटवर्क है।

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