New Delhi : हाल फिलहाल में हुए जांच के बाद ग्रेटर नोएडा में रहे चीनी नागरिकों के नेपाल बॉर्डर और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जांच एजेंसियों को गिरफ्तार किए गए चीनी जासूसों से पता चला है कि भारत से चीन जा रहे पुराने फोन और स्मार्टफोन से लोगों का डाटा निकाला जा रहा है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी पुराने स्मार्टफोन खरीदकर उनके पुर्जे चीन को भेज देता है, जिनमें रैम से लेकर स्टोरेज कार्ड मैटेरियल शामिल होते है। इस तरह चीन के हाथों लाखों भारतीय नागरिकों के निजी जानकारी और प्राइवेट डाटा पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इस खुलासे से अब साइबर फ्रॉड का खतरा भी बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक साइबर डिपार्टमेंट ने रिपोर्ट जारी किया और इस रिपोर्ट में सेलफोन स्क्रैपिंग और डाटा थेफ्ट के बारे में विस्तार से बताया गया है और साथ ही आपको फोन के डाटा को हमेशा के लिए डिलीट करने का तरीका भी दिया है।
सेलफोन स्क्रैप क्या है?
स्क्रैप का सीधा मतलब रद्दी का माल होता है। सेलफोन स्क्रैप का मतलब पुराने फोन के पुर्जे से होता हैं। सेलफोन स्क्रैपिंग के तहत पुराने फोन के पुर्जे को उनसे अलग-अलग करके किया जाता है और जुरूरी पुर्जों को निकालकर उन्हें बेच दिया जाता है। आमतौर पर हम अपने पुराने फोन को एक्सचेंज करके नया फोन लेते हैं या फिर किसी दुकान में जाकर अपने पुराने फोन को बेच देते हैं, लेकिन बेचने से पहले कुछ जरूरी बातों का ख्याल नहीं रखते। जिसकी वजह से साइबर क्राइम जैसे संगीन जुर्मों को बोलबाला आज इतना बढ़ गया है।
सेलफोन डाटा स्क्रैप क्या है?
सेलफोन स्क्रैप के बाद डाटा स्क्रैप की बारी आती है। जहां डाटा स्क्रैपिंग के मामले में स्क्रैप की परिभाषा पूरी तरह से बदल जाती है, क्योंकि जो डाटा स्क्रैप किया जाता है वह केवल कबाड़ नहीं, बल्कि साइबर चोरों के लिए एक बड़ा हथियार होता है। जैसे ही आप जब अपना स्मार्टफोन बेचते हैं या एक्सचेंज करते हैं तो आमतौर पर उसमें पड़े फोटो-वीडियो और अन्य डाटा को डिलीट करने के बाद ही उसे बेचते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके द्वारा डिलीट करने के बाद भी वह डाटा आपके फोन में ही छुपा हुआ रहता है, जिसे ये साइबर चोर बड़ी आसानी से नए-नए ऐप्स और तरीको से बैकअप या रिस्टोर कर लेते है और साइबर फ्रॉड जैसे जुर्मों को अंजाम देते है। सेलफोन डाटा स्क्रैपिंग में आपके फोन से निकाले गए डाटा की पहले छंटनी होती है और फिर बहुत ही जरूरी, जैसे कि आपके बैंक से जुड़ी जानकारियों को सबसे पहले अलग किया जाता है और इसी के आधार पर आपको साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है। डाटा स्क्रैपिंग के जरिए आपके फोन से हर उस जानकारी को निकाल लिया जाता है, जिसे आपने डिलीट कर दिया है। स्क्रैप किए गए डाटा के जरिए आपकी जासूसी भी की जा सकती है। फोन से डाटा स्क्रैप करने के लिए कई सारे सॉफ्टवेयर भी पहले से उपलब्ध हैं।
स्क्रैपिंग से बचने के लिए फॉर्मेट से पहले करें यह स्टेप
स्मार्टफोन डाटा स्क्रैपिंग के खतरे से बचने का सही तरीके है कि अपने फोन को पूरी तरह से फॉर्मेट कर दे। पहला काम तो यही है कि किसी को फोन देने से पहले या बेचने से पहले उसे कम-से-कम दो बार फुल फॉर्मेट करें। इसके लिए फोन की सेटिंग में जाकर (Erase all data) (factory reset) के विकल्प पर क्लिक करें। इसमें दो-चार मिनट का वक्त लगेगा और आपका फोन नया जैसा हो जाएगा, लेकिन इसके बाद भी आपके फोन में कुछ डाटा रह जाएगा। जिसके बाद एक और काम यह करें की अपने फोन को एन्क्रिप्ट कर दे। जिसके लिए फोन की सेटिंग में जाकर इस स्टेप को फॉलो करें। (Settings > Security > Encryption & credential) में जाने के बाद (Encrypt phone) पर क्लिक करें। फोन को एन्क्रिप्ट करने के बाद डाटा स्क्रैपिंग का खतरा भी खत्म हो जाएगा। इसके अलावा टेक्नोलॉजी और सिस्टम डेवलपर्स की माने तो बेस्ट तरीका यह है कि पहले अपने फोन को (Encrypt) करें और उसके बाद ही फॉर्मेट करें। जरूरी सूचना - एंड्रॉयड 11 तक के वर्जन वाले स्मार्टफोन में (Encrypt phone) का विकल्प मिलता है, लेकिन एंड्रॉयड 12 में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। आपको यह भी बता देते है कि एंड्रॉयड 12 ओएस वाले फोन में पहले से ही डिफॉल्ट रूप से (Encrypt) का कोडिंग किया हुआ है, पर फोन में मेमोरी कार्ड है तो उसे किसी लैपटॉप की मदद से फॉर्मेट करना न भूले वरना आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।