गाजियाबाद में छह लाख का 'जहर' पकड़ा, भारी मात्रा में मिले नशे के इंजेक्शन, स्टोर सील

सावधान! वेस्ट यूपी में नकली दवाओं का कारोबार : गाजियाबाद में छह लाख का 'जहर' पकड़ा, भारी मात्रा में मिले नशे के इंजेक्शन, स्टोर सील

गाजियाबाद में छह लाख का 'जहर' पकड़ा, भारी मात्रा में मिले नशे के इंजेक्शन, स्टोर सील

Tricity Today | Symbolic Photo

Ghaziabad News :आप दवाएं कहां से खरीदते हैं, यह बात बहुत मैटर करती है। कहीं ऐसा न हो कि आप अपने खून पसीने की कमाई दवाओं पर लुटाते जा रहे हों और इन दवाओं का आपको कोई लाभ होने के बजाय उलटा नुकसान हो रहा हो। जी हां, बिल्कुल ऐसा हो सकता है, वो इसलिए क्योंकि गाजियाबाद के साथ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नकली दवाओं का कारोबार जोरों पर है। औषधि सुरक्षा विभाग ने शास्त्रीनगर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले अवैध कारोबार का खुलासा किया है। पैसा पीटने के लिए किए जा रहे इस गोरखधंधे की पूरी जानकारी आपको माथा पीटने को मजबूर कर देगी। छापे दौरान भारी मात्र में एसिडिटी, पेन किलर (ऑपरेशन के बाद इस्तेमाल होने वाले) और नशे के इंजेक्शन भी बरामद किए हैं। स्टोर को सील कर दिया गया है।

उत्तराखंड से जुड़े हैं तार
गाजियाबाद में नकली दवाओं के कारोबार के तार उत्तराखंड से जुड़े बताए जा रहे हैं। छापे में पकड़ी नकली दवाओं की खेप का उत्तराखंड से आना बताया गया है। हालांकि औषधि सुरक्षा विभाग को मेडिकल स्टोर संचालक दवाओं के बिल उपलब्ध नहीं करा पाया तो टीम का शक गहरा गया। हालांकि टीम काफी दिन से मिल रही शिकायतों के बाद पूरी जानकारी जुटाकर ही छापा मारने पहुंची थी। टीम को नशे के इंजेक्शन भी बिना बिल के ही मिले हैं। औषधि सुरक्षा विभाग की टीम ने मौके से तीन दवाओं के नमूने लेने के साथ ही मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है।

नकली दवा बेचे जाने की सूचना मिली थी
ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा का कहना है कि विभाग को इस बात की सूचना मिली थी कि शास्त्री नगर में पाल मेडिकल स्टोर के नाम से चल रही दवा की दुकान पर नकली दवाओं का कारोबार किया जा रहा है। छापा मारने के बाद सूचना सच साबित हुई। मौके से भारी मात्रा में नकली दवाएं मिली हैं। इनमें मुख्य रूप से पेनटॉप-डीएसआर कैप्सूल (एसिडिटी और गैस में प्रयोग किया जाने वाला) और अल्ट्रासेट टेबलेट बरामद की गई हैं। दोनों दवाओं की पैकिंग ऐसी थी कि कोई पहचान न पाए। एकदम मिलती जुलती पैकिंग देखकर ग्राहकों को पता ही नहीं चलता था कि दवा असली नहीं नकली हैं। 

गोविंदपुरम से परवेज ने उपलब्ध कराई थीं दवाएं
पाल मेडिकल स्टोर के संचालक नरेंद्र कुमार ने छापा मारने पहुंची औषधि सुरक्षा विभाग की टीम को बताया कि यह दवाएं उसने गोविंदपुरम से परवेज नाम के व्यक्ति से खरीदी थीं। दवाएं बहुत ही सस्ती दरों पर परवेज ने नकली बताकर ही दी थीं। वह काले रंग की कार से नकली दवाओं की सप्लाई करता है, मुझे भी उसी कार से दवा निकालकर दी थीं। औषधि सुरक्षा विभाग को अब परवेज की तलाश है।

छह लाख की दवाएं हुई हैं बरामद
ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि मेडिकल स्टोर से बरामद नगली दवाओं और इंजेक्शन की कीमत करीब छह लाख रुपए है। उन्होंने बताया कि जिले में पहले भी कई बार नकली दवाएं पकड़ी गई हैं, जो उत्तराखंड से लाई गई थीं। वहां बड़े स्तर पर नकली दवाओं के उत्पादन की बात सामने आती रही है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए उत्तराखंड सरकार को सूचनाएं भी भेजी गई हैं। कैंसर की नकली दवाएं बरामद हुई थीं, उनके तार भी उत्तराखंड से जुड़े थे।

बिना रिकॉर्ड के मिले नशे के इंजेक्शन
ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि दवा की दुकान से छापे के दौरान भारी मात्रा में एविल के इंजेक्शन मिले हैं। यह इंजेक्शन नारकोटिक्स के तहत आते हैं और इनका खरीद-फरोख्त का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है, साथ ही बिना डॉक्टरी सलाह के बिना यह इंजेक्शन किसी को नहीं बेचे जा सकते। मेडिकल स्टोर पर इंजेक्शन का न तो रिकॉर्ड उपलब्ध मिला और न ही खरीदी का बिल। स्टोर संचालक ने बताया कि यह इंजेक्शन बुलंदशहर की गुप्ता मेडिकल एजेंसी से नगद भुगतान पर खरीदे गए थे। डाक्टर के पर्चे से मिलने वाले यह इंजेक्शन दोगुनी कीमत पर बेचे जाते थे। दरअसल यह इंजेक्शन करने के ल‌िए प्रयोग में लाए जाते हैं। अल्ट्रासेट टेबलेट का भी यही ह‌ाल है।

पूरे प‌श्चिम उत्तर प्रदेश में है नकली दवाओं का कारोबार
पिछले साल 8 सितंबर, 2023 को गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में नकली इंजेक्शन की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसके अलावा 10 नवंबर, 2023 को डासना से पांच लाख की नकली दवाओं के साथ एक को जेल भेजा गया था। उसके अगले दिन 11 नवंबर को लोनी में दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई में करोड़ की नकली दवा पकड़ी गई थी। 18 नवंबर, 2023 को साहिबाबाद के राजेंद्र नगर इलाके में नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई थी। उसके बाद 21 सितंबर को शामली जनपद से 15 लाख की नकली दवाओं की खेप के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। संभल में एक करोड़ की नकली दवाएं जब्त कर चार शातिरों के ‌खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया  था।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.