Google Image | गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जत्था पहुंच गया है
नए कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन में नई जान फूंक दी है। दो दिनों से प्रदर्शन में नई धार आ गई है। स्थानीय और आसपास के इलाकों से लोग राकेश टिकैत के लिए मिट्टी के घड़े में पानी और घर का बना भोजन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल पर पेयजल के टैंकर लगा दिए हैं। शौचालय और दूसरी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी गई हैं। टिकैत ने सरकार से इंटरनेट सेवाएं भी बहाल करने का अनुरोध किया है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने सभी प्रदर्शन स्थलों पर शनिवार को इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया था। किसान नेता ने कहा कि इंटरनेट सेवाएं बहाल होने पर किसान सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश से जुड़ सकेंगे।
शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन स्थल पर कई जिलों के किसान पहुंचे। साथ ही हरियाणा से किसानों का भारी जत्था दिल्ली पहुंच रहा है। यूपी गेट पर किसान खाने-पीने की सामग्री लेकर आ रहे हैं। गाजियाबाद के एक गांव से एक बच्चा प्रदर्शन स्थल पर एक टिफिन में पराठे, अचार और पानी लेकर आया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, ग्रेटर नोएडा और मेरठ सहित अन्य जगहों से कुछ ग्रामीण भी मिट्टी के घड़े में पानी और छाछ लेकर आए। प्रदर्शनकारियों को गुरुवार की रात तक धरनास्थल खाली करने का 'अल्टीमेटम दिया गया था। दो दिन पहले स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल पर बिजली-पानी की आपूर्ति रोक दी थी।
इसके खफा टिकैत ने कहा था कि अब वह अपने गांव का ही पानी पिएंगे। हालांकि, उन्होंने किसान आंदोलन को जारी रखने के लिए कहा था। इस दौरान टिकैत काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शन खत्म करने के बजाय आत्महत्या करना पसंद करेंगे। तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ बीकेयू के प्रदर्शन में गुरुवार को कम किसान मौजूद रहे। पर धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी आंदोलन में शामिल होते गए। इस संबंध में मुजफ्फरनगर में शनिवार को किसानों की एक महापंचायत हुई थी। हरियाणा और राजस्थान के तमाम जिलों से भी प्रदर्शकारी पहुंच रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के मेरठ क्षेत्र प्रमुख पवन खताना ने बताया कि, ''आंदोलन मजबूत था और मजबूती से आगे बढ़ रहा है। पवन खताना धरनास्थल पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि, ''यह कोई राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है। बीकेयू और राकेश टिकैत की विचारधारा से सहमति रखने वाले किसी भी व्यक्ति का यहां स्वागत है। पर आंदोलन को बीच मंझधार में छोड़कर जाने वाले किसान न आएं तो अच्छा रहेगा। हम अंत तक लड़ाई लड़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि गाजीपुर में करीब 10,000 प्रदर्शनकारी मौजूद थे।