120 किमी की रफ्तार से फर्राटा भरेंगे वाहन, जानें इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स

12 जनपदों से गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे: 120 किमी की रफ्तार से फर्राटा भरेंगे वाहन, जानें इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स

120 किमी की रफ्तार से फर्राटा भरेंगे वाहन, जानें इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स

Google Image | सितंबर में होगा गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास

  • मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास सितंबर महीने में होगा
  • परियोजना के लिए 80 प्रतिशत से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है
  • सरकार शिलान्यास के बाद 26 महीने में पूरा कराने का डेडलाइन सेट कर चुकी है
  • 594 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट पर करीब 36,402 करोड़ रुपये की लागत आएगी
विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात देगी। वेस्ट यूपी के मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का शिलान्यास सितंबर महीने में कराया जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 80 प्रतिशत से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शिलान्यास के बाद 26 महीने में पूरा कराने का डेडलाइन सेट कर चुकी है। 594 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट पर करीब 36,402 करोड़ रुपये की लागत आएगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसे पूरी तरह हाईटेक बनाया जाएगा। ताकि आगामी वर्षों में इस पर और ज्यादा निवेश की जरूरत ना हो।

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों और 519 गांवों से गुजरेगा। इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भरेंगी। इसी रफ्तार के मुताबिक इसका डिजाइन किया गया है। जानकारी के मुताबिक वाहनों को सिर्फ विशिष्ट टोल प्लाजा के जरिए ही एक्सप्रेसवे पर प्रवेश-निकास की अनुमति मिलेगी। इसके लिए दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। रफ्तार को निर्बाध रखने के लिए टोल मेरठ और प्रयागराज में बनेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिलान्यास कराकर इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाए। इस एक्सप्रेसवे के लिए अब तक 63,362 किसानों से 5,261 हेक्टेयर भूमि क्रय की जा चुकी है। शेष 1,221 हेक्टेयर भूमि की खरीद प्रक्रिया जारी है।

गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़े महत्वपूर्ण फैक्ट्स-
  1. प्रस्तावित योजना के मुताबिक गंगा एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा। मगर आवश्यकता के मुताबिक इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। 
  2. यह एक्सप्रेसवे यूपी वेस्ट के मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होगा। यह ईस्ट यूपी के प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होगा। 
  3. यह एक्सप्रेसवे राज्य के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित 12 जिलों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे से 519 गांव सीधें जुड़ेंगे।
  4. मेरठ में एक्सप्रेसवे की लंबाई 15 किलोमीटर होगी। हापुड़ में 33 किमी, बुलंदशहर में 11 किमी, अमरोहा में 26 किमी, संभल में 39 किमी, बदायूं में 92 किमी, शाहजहांपुर में 40 किमी और हरदोई में 99 किमी लंबाई होगी। उन्नाव में एक्सप्रेसवे 105 किमी, रायबरेली में 77 किमी, प्रतापगढ़ में 41 किमी और प्रयागराज में 16 किलोमीटर लंबा होगा। 
  5. मेरठ और प्रयागराज में दो मुख्य टोल प्लाजा बनेंगे। पूरे एक्सप्रेसवे पर 15 रैंप टोल प्लाजा स्थापित किए जाएंगे।
  6. एक्सप्रेसवे को एयरफोर्स के लिए भी उपयोगी बनाया जाएगा। सुल्तानपुर जिले में वायु सेना के लिए एक हवाई पट्टी का निर्माण होगा।
  7. वाहनों की अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रति घंटे रहेगी। भविष्य में दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा। इसके निर्माण के बाद यात्रा में 10-11 घंटे के बजाय 6-7 घंटे लगेंगे। 
  8. प्रोजेक्ट के तहत गंगा नदी पर करीब एक किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। सहायक नदी रामगंगा पर 720 मीटर लंबा दूसरा पुल बनेगा।
  9. पूरे एक्सप्रेसवे के निर्माण में 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनेंगे। 120 मीटर चौड़े एक रेलवे ओवरब्रिज का भी निर्माण होगा। 
  10. एक्सप्रेसवे के किनारे एक कंक्रीट की चारदीवारी बनाई जाएगी। ताकि आवारा पशुओं और स्थानीय लोगों की आवाजाही रोकी जा सके।
  11. यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट को डेडलाइन में पूरा करने के लिए 12 पैकेजों में बांटा है। समय-सारणी बनाकर इन पैकेज की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

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