Faridabad News : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले के पहले अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों को आठ साल बाद भी आशियाना नहीं मिला है। काफी जद्दोजहद के बाद भी जब लोगों को फ्लैट नहीं मिले तो उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की शरण ली। पीड़ितों की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने बिल्डर व डायरेक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है, लेकिन आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं।
प्रोजेक्ट में पैसे लगाकर फंसे हैं 336 लोग
सेक्टर-29 जादूनाथ एन्क्लेव निवासी कुलदीप सिकरी, सेक्टर-28 निवासी मंजू मनवानी और बीपीटीपी प्रिंसेस पार्क निवासी अन्नु चुटानी ने अलग-अलग शिकायत दी है। तीनों की शिकायत पर अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने साल 2015 में त्रिशूल ड्रीम होम्स प्रोजेक्ट सेक्टर-84 में फ्लैट के लिए निवेश किया था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह जिले का पहला अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट था। बिल्डर को साल 2018 तक लोगों को पजेशन देनी थी। उनकी तरह के 336 लोगों ने इस प्रोजेक्ट के लिए फ्लैट की कीमत की करीब 75 फीसद राशि जमा करा दी। बावजूद उन्हें अब तक फ्लैट नहीं मिले हैं।
साइट पर जाने वालों को धमकाते हैं बाउन्सर
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लोग जब साइट विजिट के लिए जाते हैं तो वहां तैनात बाउंसर उन्हें धमकाते हैं। आरोप है कि यहां पर कई टावर का निर्माण नहीं हुआ है। पीड़ितों ने HCS अधिकारी से जांच कराने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि प्रोजेक्ट डायरेक्टरों के नाम सुरेश चंद्र अग्रवाल, हरीश चंद्र अग्रवाल और दीन दयाल अग्रवाल हैं। इनके ऊपर निवेशकों के करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। ये लोग निवेशकों से अब बकाया राशि भी मांग रहे हैं। लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा को मामले की शिकायत दी थी। शाखा ने मामले की गहनता से जांच के बाद अब रिपोर्ट दर्ज कर ली है।