DELHI-NCR News : आज करवा चौथ है और हिंदू महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए सुबह से व्रत धारण करके बैठी हुई हैं। दूसरी ओर दिल्ली-एनसीआर में मौसम खराब है। जिसकी वजह से व्रत खोलने के लिए चांद का दीदार नहीं हो पाएगा। खगोल शास्त्रियों के मुताबिक आज चंद्रोदय का समय 8:07 बजे के बाद का था। मतलब, यह है कि चंद्रोदय हो चुका है, लेकिन खराब मौसम के चलते महिलाएं चांद नहीं देख पाएंगी। ऐसे में क्या किया जा सकता है और महिलाएं अपना व्रत कैसे पूर्ण करेंगी, आइए आपको बताते हैं।
पूरे दिल्ली-एनसीआर में घने बादल छाए, हो रही है बारिश
इस वक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी दिल्ली-एनसीआर में घने बादल छाए हुए हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद, दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, सोनीपत और पानीपत समेत पूरे दायरे में बारिश भी हो रही है। मेरठ में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई है। ऐसे में करवा चौथ का व्रत पूर्ण करने के लिए अत्यावश्यक चंद्र दर्शन नहीं हो पाएंगे। महिलाएं उलझन में है कि आखिर उनका व्रत पूर्ण कैसे होगा?
इस तरह व्रत पूर्ण करें और विधि का पालन करें
दिल्ली-एनसीआर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित पुरुषोत्तम सती ने बताया कि आज पश्चिम दिशा से 8:00 बजे के बाद चंद्रोदय हो चुका है। महिलाएं व्रत पूर्ण करने के लिए पूरब दिशा की ओर मुंह करके जल दान करें। उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली-एनसीआर में देश भर के तमाम हिस्सों के मूलनिवासी रह रहे हैं। करवा चौथ को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू महिलाएं अलग-अलग तरह से रीति-रिवाज का पालन करती हैं। सभी 8:00 बजे के बाद अपने-अपने रीति रिवाज के अनुसार व्रत पूर्ण कर सकती हैं। चंद्रोदय हो चुका है। आसमान में घने बादल हैं और बारिश हो रही है। लिहाजा, कोई भी चांद नहीं देख पाएगा। ऐसे में बिना चंद्र दर्शन किए व्रत पूर्ण करना कोई दोष नहीं है। यह प्राकृतिक व्यवस्था है और इसका सभी को पालन करना चाहिए।" पंडित पुरुषोत्तम सती ने आगे कहा, "अगर विधि संपन्न करने के लिए घर की छत या खुले में नहीं जा पा रहे हैं तो अपने घर में ही पूर्ण कर सकते हैं।"
इन नियमों का पालन करें सुहागिन
शिव पुराण में बताया गया है कि यदि मौसम खराब है या किसी अन्य कारण से चंद्र दर्शन नहीं होता है तो सुहागिनें शिव भगवान के मस्तक पर मौजूद चंद्र के दर्शन करके उन्हें अर्क दे सकती हैं। इसके अलावा प्लेट पर चावल या सफेद चंदन से भी चंद्र की आकृति बनाकर उन्हे अर्क दिया जा सकता है। मौसम की खराबी के मुताबिक चंद्र भले ही दर्शन न दें लेकिन आसमान में चंद्र मौजूद होंगे और चंद्र दर्शन के निर्धारित समय के पश्चात 15 मिनट के इंतजार के बाद उन्हें उक्त तरीकों से अर्क दिया का सकता है। इसके अलावा वृहदा आरण्यक उपनिषद में भी इस बात का जिक्र है कि यदि चंद्र दर्शन संभव नहीं हो पा रहा तो चंद्रमा का बीजमन्त्र "ॐ श्राम श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः" पढ़कर चंद्रमा का ध्यान करके उन्हें अर्क दिया जा सकता है।