दिल्ली-एनसीआर में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले रैकेट का भंडाफोड, महिला डॉक्टर गिरफ्तार, बांग्लादेश से जुड़े तार

BIG BREAKING : दिल्ली-एनसीआर में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले रैकेट का भंडाफोड, महिला डॉक्टर गिरफ्तार, बांग्लादेश से जुड़े तार

दिल्ली-एनसीआर में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले रैकेट का भंडाफोड, महिला डॉक्टर गिरफ्तार, बांग्लादेश से जुड़े तार

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Delhi-Noida News : दिल्ली-एनसीआर में किडनी ट्रांसप्लांट के रैकेट का सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसके तार बांग्लादेश से जुड़े हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में महिला डॉक्टर को किया गिरफ्तार है। किडनी के व्यापार में चौंकानेवाली बात है कि इसमें अधिकांश बांग्लादेश से जुड़े है। किडनी पांच लाख में खरीदी जाती थी और प्रत्यारोपण के लिए 25 से 30 लाख रुपये का भुगतान किया जाता था।

दिल्ली में डील नोएडा में सर्जरी
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 50 वर्षीय महिला डॉक्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया हैं। इन सभी से पूछताछ जारी है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार महिला डॉक्टर का नाम विजया कुमारी है। वह दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में काम करती हैं। उनकी मदद से ही यह रैकेट चल रहा था। किडनी रैकेट से जुड़े लोग इनकी ही मदद से किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए अस्पताल लेकर आते थे। बिचौलिए, डॉक्टर विजया कुमारी और उनके सहयोगियों के एक नेटवर्क की कथित भागीदारी थी। प्रतिष्ठित अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर पर पिछले कुछ वर्षों में 15-16 ऑपरेशन करने का आरोप है। अब उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस के मुताबिक ये सर्जरी नोएडा के एक निजी अस्पताल में की जाती थी। 

पांच लाख में खरीद 30 लाख तक में बेचते थे किडनी
रैकेट में शामिल लोग किडनी डोनेट करने वालों को चार से पांच लाख रुपये का भुगतान करते थे, जबकि किडनी लेने वालों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट 2019 से चल रहा था। दिल्ली क्राइम ब्रांच गुप्त सूचना के आधार पर बीते कुछ दिनों से इसकी पड़ताल कर रही थी। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे होते गए। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के नाम पर बनाए गए दस्तावेज बरामद किए हैं। जांच में पाया गया ये सब जाली दस्तावेज हैं। इन दस्तावेज में दावा किया गया है कि अंग दान करने वाले और अंग लेने वाले (दोनों बांग्लादेशी) के बीच संबंध है। यानी ये लोग करीबी रिश्तेदार हैं।

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