न्यू नोएडा और दादरी देश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र बनेंगे, किसानों, निवेशकों और उद्यमियों को मिलेंगी यह सुविधाएं

खास खबर : न्यू नोएडा और दादरी देश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र बनेंगे, किसानों, निवेशकों और उद्यमियों को मिलेंगी यह सुविधाएं

न्यू नोएडा और दादरी देश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र बनेंगे, किसानों, निवेशकों और उद्यमियों को मिलेंगी यह सुविधाएं

Google Image | Noida City at night

  • नोएडा अथॉरिटी ने दिल्ली स्कूल और प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को सौंपी जिम्मेदारी
  • ईस्टर्न और वेस्टर्न रेलवे फ्रेट कॉरिडोर के बीच बसाया जाएगा न्यू नोएडा के नाम से शहर
  • एसोचैम, फिक्की और सीआईआई जैसे औद्योगिक संगठनों की सहायता ली जाएगी
Noida News : दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNG Investment Region) का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (Delhi School of Planning and Architecture) के बीच एमओयू हो गया है। एसपीए को 10 महीने में मास्टर प्लान 2041 तैयार करना होगा। मास्टर प्लान तैयार करते समय किसानों से लेकर निवेशकों समेत सभी की दी जाने वाली सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा। सेटेलाइज इमेज सहित आधुनिक संसाधनों के जरिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह ईस्टर्न-वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के बीच बसाया जाएगा। आने वाले समय में दादरी सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र होगा।

80 गांवों की जमीन पर सबसे अच्छा निवेश क्षेत्र बसेगा
एमओयू के दौरान नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा, महाप्रबंधक (नियोजन) इश्तियाक अहमद और एसपीए के निदेशक पीएसएन राव, प्रोफेसर अशोक कुमार और आर विश्वास मौजूद थे। इस मौके पर सीईओ ने कहा, "मास्टर प्लान तैयार करने में सतत विकास और पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह निवेश क्षेत्र दादरी के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों की जमीन पर बसेगा। आने वाले समय में गौतमुबद्ध नगर सबसे बड़े औद्योगिक हब के रूप में दिखाई देगा। राज्य और केंद्र की परियोजनाओं ने इस क्षेत्र का ऐसा परिसीमन तैयार किया है कि आर्थिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण होगा। बड़ी बात यह है कि दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के सहारे प्रस्तावित आठ विशेष निवेश क्षेत्र में एक दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को मिला है।"

देश का सबसे बड़ा आर्थिक क्षेत्र बन जाएगा गौतमबुद्ध नगर
ऋतु माहेश्वरी ने कहा, "यह निवेश क्षेत्र 210 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा। यह बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड और हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के बीच में स्थित है।" अधिकारियों ने बताया कि दादरी से मुंबई तक वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसी के सहारे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अमृतसर, मेरठ, खुर्जा होते हुए कोलकाता तक प्रस्तावित है। खुर्जा से एक रेलवे लाइन दादरी तक निर्मित की जाएगी। यह ईस्टर्न व वेस्टर्न कॉरिडोर को जोड़ेगी। ऐसे में दादरी आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से सबसे बड़ा निवेश केंद्र होगा। फ्रेट कॉरिडोर के नजदीक होने के कारण दिल्ली-एनसीआर के निवेशकर्ता अपने उत्पाद आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकेंगे। मुंबई पोर्ट से सीधा संपर्क हो जाने के कारण आयात-निर्यात की सुविधा हो जाएगी। इसको देखते हुए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर पर तीन अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इनमें इंटीग्रेटिड इंडस्ट्रीयल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बोड़ाकी और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक दादरी शामिल हैं।

तीन बिंदुओं पर आधारित होगा मास्टर प्लान
एसपीए के निदेशक प्रोफेसर डॉ.पीएसएन राव ने बताया, "पहले तथ्य के रूप में दो महीने में हमें ऐसी योजना तैयार करेंगे कि जिससे देश भर के निवेशक यहां के लिए आकर्षित हों। मानेसर-वाबल से बेहतर निवेश क्षेत्र यहां तैयार करेंगे। चेंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम और फिक्की आदि संगठन को इकठ्ठा करेंगे। इसके लिए मार्केट का अध्ययन महत्वपूर्ण है। इसके जरिए यह जानकारी जुटाएंगे कि किस प्रकार की इंडस्ट्री ज्यादा आ सकती हैं। आईटी, फार्मा, फूड, एग्रीकल्चर या केमिकल इंडस्ट्री यहां आएंगी। इसमें प्राइवेट-पब्लिक मॉडल आधारित फर्म और इंफ्रास्टक्चर को देखना होगा।" उन्होंने आगे कहा, "दूसरे तथ्य के रूप में फिजिकल ले आउट प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए चंडीगढ़, लुटियंस जोन, यूरोपीय देशों की स्थिति को भी मौके पर जाकर देखेंगे। जिसमें यातायात, हरियाली, बिजली-पानी के संसाधन, प्रदूषण रहित निवेश क्षेत्र को बसाने सहित अन्य बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। निवेश क्षेत्र में झुग्गियां न बसें, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। तीसरा बिंदु यह देखेंगे कि यहां रहने वाले किसानों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं। सबका साथ-सबका विकास के तहत किसानों के लिए योजना तैयार करेंगे।"

लैण्डपूलिंग के जरिए जमीन लेने की तैयारी
नए नोएडा को बसाने के लिए लैंडपूल के जरिए जमीन लेने की तैयारी है। इस प्रक्रिया के तहत किसान को भी योजना में भागीदारी दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि नवी मुंबई लैंड पुलिंग के जरिए विकसित करवाय गया है। वहां के अध्ययन को इस मास्टर प्लान में शामिल करेंगे।

मास्टर प्लान तैयार करने को टीम नियुक्त करेंगे
एसपीए में 105 फेकल्टी सदस्य हैं। इसके अलावा एक टीम अलग से नियुक्त की जाएगी। दिल्ली के तैयार होने वाले मास्टर प्लान 2041, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में एसपीए सदस्य के रूप में काम कर रहा है।

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