NGT ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दिया बड़ा आदेश, कहा- पर्यावरण को बर्बाद ना करें

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NGT ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दिया बड़ा आदेश, कहा- पर्यावरण को बर्बाद ना करें

Tricity Today | नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दफ्तर

  • - दोनों विकास प्राधिकरण के सीईओ और डीएम को जारी किया नोटिस
  • - पेड़ों के चारों ओर कंक्रीट लगाने से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नाराज
  • - कच्चे स्थानों पर टाइल्स लगाने से भूगर्भ जल का स्तर गिर रहा है
Delhi News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को बढ़ा आदेश दिया है। शुक्रवार को NGT एक मामले की सुनवाई करते हुए दोनों विकास प्राधिकरण से कहा, "हमारे और राज्य सरकार के नियमों को दरकिनार कर आप लगातार जमीन पर कंक्रीट बिछा रहे हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इस व्यवस्था पर रोक लगाएं।" दरअसल, विकास प्राधिकरण लगातार कच्चे क्षेत्र को टाइल्स लगाकर पक्का कर रहे हैं। याची ने एनजीटी को बताया कि पेड़ों के आसपास भी कच्चे स्थानों को कंक्रीट से पक्का कर दिया जाता है। लगातार बढ़ते कंक्रीटीकरण से बारिश का पानी ज़मीन में नहीं जा रहा है। 

एनवायरमेंटल एक्टिविस्ट विक्रांत मनगढ़ और सुप्रिया सरदाना ने उठाया मुद्दा
इस मामले को लेकर इन्वायरमेंटल एक्टिविस्ट विक्रांत तोंगड़ और नोएडा की रहने वाली सुप्रिया सरदारा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने एक याचिका दायर की। विक्रांत ने न्यायाधिकरण को बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर में डेवलपमेंट के नाम पर अंधेर चल रही है। हर कच्चे स्थान पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई जा रही हैं। यह टाइल्स कंक्रीट की बनी होती हैं। इससे शहर का अधिकांश हिस्सा कंक्रीट के नीचे दब चुका है। इतना ही नहीं छोटे-बड़े पेड़ों के चारों ओर भी कंक्रीट लगाकर बंद कर दिया जाता है। यह पर्यावरण के प्रति घोर लापरवाही है। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में पानी जमीन के अंदर नहीं जाता। सारा पानी नालों और नदियों में बह रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भूगर्भ जल का स्तर लगातार गिर रहा है। हरे-भरे पेड़ विकसित नहीं हो पा रहे हैं। लगातार सूख रहे हैं।

मौसम और बरसात पर भी पड़ रहा है बुरा असर
बरसात के मौसम में जल भराव की समस्या आती है। साथ ही पेड़ों के आसपास कम से कम एक मीटर कच्चा स्थान छोड़ना चाहिए, लेकिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसा नहीं मिलेगा। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड और नोएडा निवासी डा.सुप्रिया सरदाना की याचिका पर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। एनजीटी ने कहा, "नोएडा में तत्काल प्रभाव से कंक्रीटीकरण को रोका लगाएं। जो कंक्रीटीकरण नियमों के विपरीत है, उसे तुरंत हटाया जाए। पहले की तरह जमीन को कच्चा किया जाए। एनजीटी में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने रखा। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त तक होगी। तब तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन करके एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार करनी है।

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