यूपी-दिल्ली के बीच फंसे लोगों को देनी पड़ी अग्निपरीक्षा, गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से बिगड़े हालात

मुसीबत : यूपी-दिल्ली के बीच फंसे लोगों को देनी पड़ी अग्निपरीक्षा, गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से बिगड़े हालात

यूपी-दिल्ली के बीच फंसे लोगों को देनी पड़ी अग्निपरीक्षा, गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से बिगड़े हालात

Google Image | बुधवार को दिल्ली से जुड़े सभी मार्गों पर हाल बेहाल रहा

दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा का असर अगले दिन भी दिखाई दिया। बुधवार को नोएडा औऱ गाजियाबाद आने-जाने वाले मुसाफिरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई मार्गों पर यातायात बंद रहा तो कुछ रास्तों पर गंभीर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रही। इस वजह से दिल्ली और फरीदाबाद से नोएडा-गाजियाबाद पहुंचने के लिए लोगों को बहुत तकलीफ उठानी पड़ी। इसी तरह दिल्ली पहुचंने के लिए भी लोगों को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी।

बुधवार को कैब चालकों ने राष्ट्रीय राजधानी से बाहर निकलने से इनकार कर दिया। ज्यादार टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों ने नोएडा और गाजियाबाद के लिए बुकिंग बंद कर दी थी। इस वजह से लोगों को यात्रा कार्यक्रम फिर से बनाना पड़ा। जिन यात्रियों को आज ही पहुंचना था, वह कैब या ऑटो के लिये लंबा इंतजार करते देखे गए। अगर कोई कैब या ऑटो जाने के लिए तैयार भी हुआ, तो उसने उचित किराए से काफी ज्यादा पैसे की मांग की। 

नोएडा से दिल्ली जाने वाले एक यात्री ने नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, “कोई भी मध्य दिल्ली की तरफ जाने का इच्छुक नहीं है। उन्हें डर है कि रास्ते बंद होंगे। मैंने एक ड्राइवर को ट्रैफिक पुलिस द्वरा दी जानकारी दिखाई, फिर भी वह जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। मुझे मेट्रो पकड़ने के लिए कुछ दूर जाना पड़ा। फिर मैंने ऑटो लिया, पर उसने भी मुझे मेरे गंतव्य तक नहीं पहुंचाया।” एक अन्य यात्री ने बताया कि, “कुछ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार के बारे में सूचना बार-बार बदल रही है। कैब चालक भी जाने को लेकर आशंकित हैं। जब मुझे कैब नहीं मिली, तो मुझे अपना कार्यक्रम बदलना पड़ा। मैंने अब अगले हफ्ते जाने की योजना बनाई है। तब तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।”
        
मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई। इस वजह से दिल्ली से जुड़ी सभी सीमाओं पर भारी दबाव देखा गया। नोएडा और गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले सभी मार्गों पर बुधवार की सुबह भारी ट्रैफिक जाम रहा। वाहन कई घंटे तक कतारों में फंसे रहे। हालांकि दोपहर बाद चिल्ला बॉर्डर खुलने की वजह से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली। भारतीय किसान यूनियन भानू के आंदोलन समाप्ति की घोषणा के साथ ही चिल्ला बॉर्डर से बैरिकेटिंग हटा दी गई। इसके बाद ट्रैफिक जाम से थोड़ी निजात मिली।

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