New Delhi : जापान ने भारतीय पेशेवरों के लिए अपने रोजगार बाजार के द्वार खोल दिए हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अनुसार, जापान लगभग चार लाख भारतीय पेशेवरों की भर्ती करने की योजना बना रहा है।
भारत के कर्मचारी कर सकते है जापानी आबादी की मदद
विशेषज्ञों का मानना है कि जापान में भारतीयों के लिए दस लाख से अधिक विविध नौकरियां उपलब्ध हो सकती हैं। जापानी व्यावसायिक संगठन भारत को कर्मचारियों के एक प्रमुख स्रोत के रूप में देख रहे हैं। यह कदम जापान की घटती श्रम शक्ति और बढ़ती उम्र की आबादी की चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस अवसर के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। भाषा और सांस्कृतिक अंतर अभी भी एक बड़ी बाधा बने हुए हैं। भले ही कई जापानी कंपनियां जापानी भाषा के ज्ञान पर जोर न दे रही हों, फिर भी विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारतीय पेशेवरों को जापानी भाषा सीखने और देश की संस्कृति को समझने का प्रयास करना चाहिए।
हैदराबाद के छात्रों को जापानी कंपनियों में मिली इंटर्नशिप
इस बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद के छात्रों को जापानी कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। यह कदम भारतीय प्रतिभाओं की गुणवत्ता और क्षमता को दर्शाता है। विशेष रूप से, जापानी सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां स्वचालन क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले भारतीय इंजीनियरों की तलाश कर रही हैं। यह अवसर न केवल भारतीय पेशेवरों के लिए नए क्षितिज खोलता है, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समझ को भी बढ़ावा देगा। आने वाले समय में, यह साझेदारी दोनों देशों के लिए पारस्परिक लाभ का स्रोत बन सकती है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी स्थिति को और मजबूत करेगी।