यूक्रेन, लातविया और लिथुआनिया वासियों ने दिल्ली जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, भारत सरकार से मांगी मदद

Russia-Ukraine War : यूक्रेन, लातविया और लिथुआनिया वासियों ने दिल्ली जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, भारत सरकार से मांगी मदद

यूक्रेन, लातविया और लिथुआनिया वासियों ने दिल्ली जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, भारत सरकार से मांगी मदद

Tricity Today | जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

New Delhi : रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में पूरा कामना कर रहा है कि जल्द से जल्द यह युद्ध थम जाए। इसके चलते लेकर रविवार को काफी भारतीय और विदेशी नागरिकों ने इकट्ठा होकर दिल्ली जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नाम एक नागरिक समूह "यूक्रेन के मित्र" रखा गया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व भानु साहनी, डॉ.सौरभ चौधरी और डॉ.राजेश केसरी ने किया है।

मांगी भारत सरकार से मदद
प्रदर्शन करते समय विदेशी नागरिकों ने कहा कि हम सभी को एक साथ मिलकर यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए। इस समय यूक्रेन में ना ही केवल निर्दोष लोगों की मौत हो रही है, बल्कि भारी विनाश देखने को भी मिल रहा है। यह युद्ध कई पीढ़ियों तक विश्व को दर्द देगा। इसलिए यह युद्ध को जल्द से जल्द रोकना काफी जरूरी है।

भारत और यूक्रेन का राष्ट्रीय गान गया
इस दौरान यूक्रेन के भी काफी लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। यूक्रेन वासियों ने मदद करने की गुहार लगाई है। इस दौरान भारतीय और यूक्रेन के निवासियों के अलावा लातवियाई और लिथुआनियाई के नागरिक उपस्थित हुए। इन लोगों के हाथ में तिरंगा के अलावा यूक्रेन का झंडा भी था। इन सभी लोगों ने विश्व शांति का प्रदर्शन करते समय भारत और यूक्रेन के राष्ट्रीय गान भी गाया।

विकीपीडिया के मुताबिक
आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 से आक्रमण करना शुरू कर दिया। दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध हो रहा है। विकीपीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 1997 के बाद नाटो के विस्तार की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में आलोचना की। इसके अलावा पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया जाए। आक्रमण के कुछ दिन पहले रूस ने आधिकारिक तौर पर डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक, पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में 2 स्वयं घोषित राज्यों को मान्यता दी। इसके अलावा 21 फरवरी को क्षेत्रों में सैनिकों को भेजा। 22 फरवरी को रूसी संघ परिषद ने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति को रूस की सीमाओं के बाहर सैन्य बल का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया।

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