रतन टाटा ने फिर साइरस मिस्त्री को दी मात, सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका हासिल किया

Noida International Airport : रतन टाटा ने फिर साइरस मिस्त्री को दी मात, सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका हासिल किया

रतन टाटा ने फिर साइरस मिस्त्री को दी मात, सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका हासिल किया

Google Image | साइरस मिस्त्री और रतन टाटा

Noida International Airport : देश के बिजनेस वर्ल्ड में टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा और शापूरजी पलोनजी समूह के संचालक साइरस मिस्त्री के रिश्तों की कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है। दोनों के बीच मुकदमा चल रहा है। अब शुक्रवार को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का ठेका टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Tata Projects Limited) ने हासिल कर लिया है। इसके लिए साइरस मिस्त्री के शापूरजी पलौंजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji group) को मात दी है। इतना ही नहीं  लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) भी होड़ में शामिल थी। देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे के लिए टाटा ग्रुप की इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने बाजी मार ली है। एयरपोर्ट की संस्थापक कम्पनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (Yamuna International Airport Private Limited) ने इस काम के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स को चुना है। शुक्रवार की सुबह यह घोषणा कर दी गई है।

पिछले साल 25 नवम्बर को नरेंद्र मोदी ने किया शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 25 नंवबर को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है। ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी पहले चरण में 5,700 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इस एयरपोर्ट के 2024 में शुरू होने की उम्मीद है। शुक्रवार की सुबह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और टाटा प्रोजेक्ट्स के जॉइंट स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई है। बताया गया है कि टाटा प्रोजेक्ट्स नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोड, युटिलिटीज, लैंडसाइट फैसिलिटीज और दूसरी इमारतों का निर्माण करेगी। टाटा प्रोजेक्ट्स को देश में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने का अनुभव है। इनमें संसद की नई इमारत, मुंबई में ट्रांस-हार्बर लिंक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कई सेक्शन और कई शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट शामिल हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भारतीय संस्कृति और स्विटरलैंड की टेक्नोलॉजी का संगम देखने को मिलेगा।

जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण पूरा होने के बाद इसके आठ रनवे से सालाना 1.2 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 36 महीनों में पूरा किया जाना है। जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट वास्तव में एविएशन हब की तरह काम करेगा। इस एयरपोर्ट के आसपास देश का पहला एरोट्रोपोलिस बसाया जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 3,500 एकड़ में बनाया जाना है। पहले चरण में 1,327 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जा रहा है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर बनने वाला नोएडा एयरपोर्ट करीब 20,000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है।

देश की नामचीन और चुनिंदा कंपनियों में शामिल है टाटा प्रोजेक्ट्स
देश में निर्माण परियोजनाओं पर काम करने के लिए टाटा प्रोजेक्ट का बड़ा नाम है। टाटा ग्रुप की यह कंपनी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कें, मूलभूत सेवाएं, लैंडसाइड फैसिलिटी और एयरपोर्ट के लिए जरूरी इमारतों का निर्माण करेगी। आपको बता दें कि टाटा प्रोजेक्ट्स इस वक्त दिल्ली में संसद भवन की नई इमारत, मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक, ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के अलावा मुंबई, पुणे, दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद और चेन्नई में मेट्रो परियोजनाओं पर काम कर रही है।

भारतीय संस्कृति और स्विस टेक्नोलॉजी का संगम होगा नोएडा एयरपोर्ट
 यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बताया गया है कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा भारतीय संस्कृति, आतिथ्य और स्विस टेक्नोलॉजी का संगम होगा। यह अत्याधुनिक, आत्मनिर्भर और भारतीय परंपराओं से प्रभावित आर्किटेक्चर पर बनेगा। कंपनी ने बताया कि इस हवाईअड्डे का निर्माण कुछ इस ढंग से किया जाएगा कि पर्यावरण को बिल्कुल भी नुकसान ना पहुंचे।यह एयरपोर्ट पूरी तरह डिजिटलाइज होगा। यहां से यात्री कॉन्टैक्टलेस यात्रा कर सकेंगे। परिवारों, बुजुर्गों और उद्यमी यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं इस हवाईअड्डे पर विकसित की जाएंगी।

2024 तक निर्माण पूरा कर लेंगे : क्रिस्टोफ शनेलमैन
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्रिस्टोफ शनेलमैन ने कहा, "हम टाटा प्रोजेक्ट्स को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए इंजीनियरिंग, निर्माण सामग्री की आपूर्ति और निर्माण गतिविधियों से जुड़ा काम देकर बेहद खुश हैं। अब हमारा प्रोजेक्ट अगले चरण में प्रवेश कर गया है। मौके पर जल्दी ही बड़ी निर्माण गतिविधियां नजर आने लगेंगी। टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ मिलकर हम वर्ष 2024 तक एयरपोर्ट का पैसेंजर टर्मिनल, रनवे और दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लेंगे। इसकी क्षमता 1.20 करोड़ यात्री प्रति वर्ष होगी। हम भारत में मजबूत पर्यावरण हितैषी और टिकाऊ विकास वाला वायु यातायात परिवेश तैयार करना चाहते हैं। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा उत्तर प्रदेश और भारत में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाएगा।"

"सबसे बड़ा एनवायरमेंट फ्रेंडली एयरपोर्ट तैयार करेंगे"
टाटा प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विनायक पाई ने कहा, "नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जुड़ा काम हासिल करके हम गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। टाटा प्रोजेक्ट्स और वाईआईएपीएल मिलकर भारत का सबसे बड़ा, अत्याधुनिक और एनवायरमेंट फ्रेंडली एयरपोर्ट तैयार करेंगे। हम इसके निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करेंगे। जिसकी बदौलत उच्चतम गुणवत्ता हासिल करेंगे। सुरक्षा और टिकाऊ विकास पर खास जोर रहेगा।" आपको बता दें कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का पैसेंजर टर्मिनल अपने आप में अद्भुत होगा। यह पूरी तरह हरा-भरा होगा। ऊर्जा बचाने वाला मॉडल अपनाया जा रहा है। भविष्य की संभावनाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पैसेंजर टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा।

"यह प्रोजेक्ट सस्टेनेबल डेवलपमेंट का प्रतीक होगा"
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का डिजाइन टिकाऊ विकास पर आधारित है। यह देश का पहला नेट जीरो एमिशन एयरपोर्ट है। मतलब, इस एयरपोर्ट से किसी भी तरह का कार्बन उत्सर्जन और सीवर बाहर नहीं निकलेगा। इस हवाईअड्डे का निर्माण हरित आधारभूत ढांचे को अपनाकर किया जाएगा। हवाईअड्डे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जीरो लिक्विड डिसचार्ज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वेस्ट मैनेजमेंट फैसिलिटी विकसित की जाएंगी।"

साल 2024 में कंस्ट्रक्शन पूरा करना जरूरी
आपको बता दें कि जूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने वर्ष 2019 में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को विकसित करने के लिए बिड हासिल की थी। तब से लेकर अब तक इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए गए हैं। इनमें सिक्योरिटी क्लीयरेंस, कंसेशन एग्रीमेंट, आर्किटेक्ट का चयन, ब्रांड आईडेंटिटी, शेयर होल्डर एंड स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट, मास्टर प्लान से जुड़ी मंजूरियां, डेवलपमेंट प्लान, एसबीआई के साथ वित्तीय समझौता और ईंधन की उपलब्धता जैसे महत्वपूर्ण काम पूरे किए गए हैं। 1 अक्टूबर 2021 से कंस्ट्रक्शन टाइम लाइन शुरू हो चुकी है। 25 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाईअड्डे का शिलान्यास कर चुके हैं। हवाईअड्डे के लिए भूमि का समतलीकरण और चारदीवारी का निर्माण चल रहा है।

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