New Delhi : अजीत दाभाड़े ने मुंबई के पास एक फ्लैट खरीदने के लिए 22 जून 2019 को बुकिंग की और 5 लाख रुपये का बयाना भुगतान किया, लेकिन 8 अगस्त 2019 को उन्होंने फ्लैट बुकिंग रद्द कर दी। गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पूरे 5 लाख रुपये की बुकिंग राशि को जब्त करने का फैसला किया। इससे दाभाड़े ने महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) में गोदरेज के खिलाफ केस दर्ज किया। उसके बाद उनके हक़ में फैसला आया।
क्या है पूरा मामला
दाभाड़े ने आरोप लगाया कि गोदरेज ने धोखे से उनकी सहमति ली और रेरा कानूनों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि गोदरेज ने वादा किया था कि वित्त भागीदार उन्हें 6.75 लाख रुपये का ऋण देंगे, लेकिन केवल 3.6 लाख रुपये दिए गए। साथ ही बुकिंग फॉर्म पर उनके हस्ताक्षर फ़र्जी तरीके से लिए गए थे।गोदरेज ने दावा किया कि दाभाड़े ने सभी शर्तों को जानते हुए सहमति दी थी और उन्हें कानूनी रूप से बयाना राशि जब्त करने का अधिकार था।
रेरा ने क्या कहा?
महारेरा ने 11 मार्च 2024 के आदेश में कहा कि गोदरेज द्वारा पूरी बुकिंग राशि जब्त करना गैरकानूनी था, क्योंकि यह कुल मूल्य का 5% से अधिक था। 12 अगस्त 2022 के परिपत्र के अनुसार डेवलपर केवल 2% राशि जब्त कर सकता है। इसलिए महारेरा ने गोदरेज को 2% कटौती के बाद शेष राशि वापस करने का निर्देश दिया।
गोदरेज प्रॉपर्टीज का बयान
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त 2022 से पहले बुकिंग राशि रिफंड पर विवाद हो सकते थे। लेकिन परिपत्र को पूर्वव्यापी बनाकर महारेरा ने पुराने मामलों को भी समाधान प्रदान करने की कोशिश की। यदि प्रमोटर अपने दायित्वों को पूरा नहीं करता है, तो रेरा अधिनियम खरीदारों को सुरक्षा देता है। गोदरेज प्रॉपर्टीज प्रवक्ता ने कहा कि वे महारेरा आदेश की वैधता पर अपील करेंगे, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी कार्रवाई कानूनी थी।