'अग्निपथ योजना' के खिलाफ रिटायर सेना अधिकारी ने खोला मोर्चा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

बड़ी खबर : 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ रिटायर सेना अधिकारी ने खोला मोर्चा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

'अग्निपथ योजना' के खिलाफ रिटायर सेना अधिकारी ने खोला मोर्चा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

Google Photo | सुप्रीम कोर्ट

New Delhi : केंद्र सरकार की नई योजना 'अग्नीपथ' के खिलाफ लगातार देश और प्रदर्शन जारी है। अब सुप्रीम कोर्ट में रिटायर सेना अधिकारी ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि अग्नीपथ योजना काफी गलत है और इस पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। उन्होंने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि अग्नीपथ योजना देश के नौजवानों की भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने दाखिल की है। इस मामले में अब आगामी 11 जुलाई को सुनवाई होगी।

अग्नीपथ योजना पर अध्यन करने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने बताया कि रविंद्र सिंह शेखावत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि इस 'अग्नीपथ योजना' पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए। दोबारा से विचार करने के बाद इसमें संशोधन करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, "अग्नीपथ योजना के कारण और प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक 'पायलट परियोजना' शुरू होनी चाहिए। युद्ध, प्रभावशीलता, परिचालन, तत्परता और रक्षा तैयारियों पर भी विचार करने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट से पुन: विचार करने की अपील
उन्होंने आगे कहा, 'अग्निवीरों' को 100 प्रतिशत नौकरी रोजगार जिन्हें 4 साल की अवधि के बाद छुट्टी दे दी जाएगी और सेवा के दौरान अगर में गंभीर रूप से घायल हो गए तो या फिर विकलांग हो गए तो कुछ नहीं होगा। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट को विचार करते हुए आगे के फैसले लेने चाहिए।

फायदे व नुकसान जनता के सामने पेश करें
सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने जानकारी देते हुए बताया, "अग्नीपथ योजना के तहत जिन बच्चों ने पहले ही अपनी परीक्षा दे दी है और जिन बच्चों ने अपना फिटनेस पास कर लिया है। उन बच्चों को भी कहा जा रहा है कि नई नीति के तहत सेना में भर्ती की जाएगी, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। ऐसे देश का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। अगर उनको कोई नई नीति लागू करनी है तो आगे भर्ती होने वाले बच्चों के लिए और उसके फायदे व नुकसान जनता के सामने भी पेश करें। यह देश का भविष्य है और संविधान में नहीं लिखा कि देश के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ होनी चाहिए।"

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