कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करते हुए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर

किसान आंदोलन कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करते हुए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करते हुए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर

Google Image | संत बाबा राम सिंह

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए बुधवार की शाम को संत बाबा राम सिंह ने खुद को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उनको तुरंत करनाल के कल्पना चावला पताल में ले जाया गया। जहां उनको डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

बाबा राम सिंह ने दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर खुद को गोली मारी है। राम सिंह ने सुसाइड नोट में कथित तौर पर लिखा है कि “किसानों का दुख देखा, अपने हक लेने के लिए सड़कों पर रुल रहे हैं। दिल बहुत दुखी हुआ, सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया। कईयों ने सम्मान वापस किए, पुरस्कार वापस करके रोष जताया। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और मजदूर किसान के हक में आवाज है।”

संत बाबा रामसिंह सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से प्रसिद्ध थे। उनका डेरा करनाल जिले में निसंग के पास सिंगड़ा गांव में था। उन्हें संत बाबा राम सिंह ‘सिंगड़ा वाले’ के नाम से ही जाना जाता था। संत रामसिंह दुनियाभर में प्रवचन करने के लिए जाते थे। वह नानकसर संप्रदाय से जुड़े हुए थे। आपको बता दें कि किसान काफी समय से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे है।

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