New Delhi : दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का 55वां वर्धंती महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में साधु-संत, महंत, गोसाईं और गोभक्त शामिल हुए। कार्यक्रम में शंकराचार्य का तुलादान भी हुआ, जिसमें सात विभिन्न द्रव्यों का उपयोग किया गया। गायक अनूप जलोटा ने भजन प्रस्तुत किए, जबकि पहलवान 'द ग्रेट खली' ने भी शंकराचार्यजी का आशीर्वाद लिया। हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
प्रतापगढ़ में हुआ जन्म
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, जो सितंबर 2022 में ज्योतिष्पीठ के 55वें शंकराचार्य के रूप में अभिषिक्त हुए, उनका जन्म 15 अगस्त 1969 को प्रतापगढ़ के ब्राह्मणपुर गांव में हुआ था। उन्होंने गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने, रामसेतु संरक्षण और वाराणसी के पौराणिक मंदिरों की रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।वर्तमान में वे गोमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा अभियान के प्रमुख प्रेरक हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने गोवर्धन से दिल्ली तक पैदल यात्रा की और भारत सरकार से गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का आग्रह किया।
राष्ट्र माता का मिले दर्जा : शंकराचार्य
शंकराचार्य ने गौ माता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि गाय को पशु सूची से हटाकर राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म वृषभ रूप से प्रगट होता है। वृषभ की माता गाय है, इसलिए हमारी माता गोमाता है। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूज्य राघवाचार्य परमहंसजी महाराज उपस्थित थे। काशी और दिल्ली विद्वत परिषद ने शंकराचार्य का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कई प्रमुख व्यक्तित्वों जैसे राकेश अस्थाना, नरेश टिकैत, एडवोकेट पीएन मिश्रा और पूर्व सीबीआई चीफ नागेश्वर राव शामिल रहे।