युद्ध स्तर पर सुरंग का निर्माण, दूसरी रैपिड रेल का इंतजार हुआ खत्म, पढ़िए ताजा अपडेट

Delhi to Meerut : युद्ध स्तर पर सुरंग का निर्माण, दूसरी रैपिड रेल का इंतजार हुआ खत्म, पढ़िए ताजा अपडेट

युद्ध स्तर पर सुरंग का निर्माण, दूसरी रैपिड रेल का इंतजार हुआ खत्म, पढ़िए ताजा अपडेट

Google Image | रैपिड रेल

Delhi Meerut Rapid Rail : रैपिड रेल कोरिडोर का कार्य काफी तेजी के साथ चल रहा है। इस रैपिड रेल प्रोजेक्ट के बनने के बाद ना ही केवल मेरठ, दिल्ली और गाजियाबाद समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को फायदा होगा। मेरठ में रैपिड रेल के लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। सुरंग का निर्माण कार्य 3 चरणों में होगा। अभी फिलहाल पहले चरण का काम चल रहा है। इस ट्रैक पर कुल 6 सुरंग बनाई जाएगी।
 
दो सुरंगों पर चल रहा काम
रैपिड रेल की पहली सुरंग अक्टूबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी। यह सुरंग संख्या-एक भैंसाली से मेट्रो प्लाजा तक बनाई जा रही है। इसको बनाने का कार्य अप्रैल में शुरू हुआ था। सुरंग की लंबाई 1.84 किमी लंबी है। दूसरी सुरंग का कार्य भैंसाली से मेट्रो प्लाजा तक चल रहा है। इसका कार्य दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी मशीन अभी फैज ए आम इंटर कालेज तक पहुंच चुकी है। जिस स्थान से सुरंग खोदाई मशीन गुजर रही है, वहां काले रंग के रिंग लगाए गए हैं, जिससे उस स्थान को सुरक्षित रखा जा सके। यह रिंग केसरगंज मंडी के आगे तक दोनों ओर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा दुकानों के बाहर लोहे की सेटरिंग भी लगाई गई है। जिस स्थान पर अधिक खतरा है उस स्थान पर बैरिकेडिंग कर बंद किया जाता है।

रैपिड की छह सुरंग, कहां से कहां तक       
  1. भैंसाली से मेट्रो प्लाजा           
  2. भैंसाली से मेट्रो प्लाजा    
  3. गांधी बाग से बेगमपुल    
  4. गांधी बाग से बेगमपुल   
  5. भैंसाली  से बेगमपुल 
  6. भैंसाली से बेगमपुल 
11 रैपिड रेल का तेजी से निर्माण शुरू
छह कोच की दूसरी रैपिड रेल अगले 2 दिन यानी 10 सितंबर तक गाजियाबाद के दुहाई डिपो पहुंच जाएगी। यह गुजरात के सांवली एलस्ट्रोम प्लांट से रवाना हो चुकी है और मंगलवार की शाम को हरियाणा पहुंच गई थी। इसके बाद साहिबाबाद से दुहाई तक के प्राथमिकता खंड के लिए और भी रेल जल्द ही मिलने की उम्मीद है। इस खंड में कुल 13 रेल चलाई जानी हैं। इनमें से पहली जून में आ चुकी थी। इसके तकनीकी परीक्षण चल रहे हैं। दूसरे ट्रेन सेट को तैयार करने में करीब 14 माह का समय लगा है। पहले खंड के लिए बाकी 11 रैपिड रेल का तेजी से निर्माण शुरू हो चुका है।

पूरी परियोजना में खर्च होंगे 30,274 करोड़ रुपए
देश की पहली रैपिड रेल बनकर तैयार हो गई है। इसको शनिवार को भारत सरकार द्वारा एनसीआरटीसी कंपनी को डिलीवर किया जाना है। इस रैपिड रेल में सवारियों के लिए बहुत ही शानदार बहुत बेहतर सुविधा होगी। यह रेल पूरी तरीके से मेक इन इंडिया पर आधारित है। देश की पहली रैपिड रेल का निर्माण गुजरात के शामली में स्थित एलस्टॉम कारखाने में हुआ है। इसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी। पूरी परियोजना में 30,274 करोड़ रुपए का खर्च आने की उम्मीद जताई जा रही है।

दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 50 मिनट में होगा तय
रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर रूट पर दौड़ेगी। इस रैपिड के माध्यम से दिल्ली से मेरठ के बीच सिर्फ 50 मिनट में पहुंचा जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि रोजाना 8 लाख से अधिक यात्री इस रेल का फायदा ले सकते हैं। पहले चरण में गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से दुराई डिपो तक रेपिड रेल दौड़ेगी। पहले चरण में 17 किलोमीटर में रेपिड रेल चलेगी। कंपनी की कोशिश है कि 2023 के अंतिम तक साहिबाबाद से दुराई डिपो तक रेपिड रेल चल जाए। इस ट्रेन को अत्यधिक आधुनिक तकनीकी से तैयार किया गया है। यात्रियों को इसमें बेहद आराम महसूस होगा।

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