मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे ये 43 नए चेहरे, अब तक 11 मंत्रियों की छुट्टी

बड़ी खबर : मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे ये 43 नए चेहरे, अब तक 11 मंत्रियों की छुट्टी

मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे ये 43 नए चेहरे, अब तक 11 मंत्रियों की छुट्टी

Google Image | Modi Cabinet Expansion

Modi Cabinet Expansion : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। इस कैबिनेट में 43 नए चेहरे शामिल होंगे। खास बात यह है कि कैबिनेट के मौजूदा 11 सदस्यों का इस्तीफा हो चुका है। इनमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जैसे दिग्गज नेता भी शामिल हैं। जो नए चेहरे कैबिनेट में जगह लेंगे, उनमें महाराष्ट्र से नारायण राणे, आसाम से सर्बानंद सोनोवाल और मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नाम महत्वपूर्ण हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक आज शाम 6:00 बजे राष्ट्रपति भवन में नए मंत्री शपथ लेंगे। नए मंत्रिमंडल में 43 सांसद शामिल हो रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता नारायण राणे, आसाम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश से ही टीकमगढ़ के सांसद डॉ.वीरेंद्र कुमार, मौजूदा युवा और खेल राज्यमंत्री किरण रिजिजू, बिहार से भाजपा के सांसद राजकुमार सिंह और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व नौकरशाह रामचंद्र प्रसाद सिंह भी मोदी कैबिनेट में शामिल होने जा रहे हैं। आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस थे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिंसिपल सेक्रेट्री भी रह चुके हैं। उड़ीसा से सांसद अश्विनी वैष्णव, बिहार से सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस, मनसुख मंडविया, भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री भूपेंद्र यादव, परसोत्तम रुपाला, मौजूदा गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, पंकज चौधरी और अपना दल की चीफ अनुप्रिया पटेल कैबिनेट में शामिल होंगी।



उत्तर प्रदेश से आगरा के सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह बघेल, कर्नाटका से भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर, शोभा करदलजे, भानु प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना विक्रम जरदोष, भाजपा की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी यादव, कांग्रेस छोड़कर आए ए नारायणसामी, लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर, उत्तराखंड के सांसद अजय भट्ट, बीएल वर्मा, अजय कुमार, चौहान देबू सिंह, भगवंत खुबा, कपिल मोरेश्वर पाटील, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, डॉ.भगवत किशन राव कराड, राजकुमार रंजन सिंह, भारती प्रवीण पवार, विशेश्वर ताडू, शांतनु ठाकुर, डॉक्टर मंजूपाड़ा महेंद्र भाई, जॉन बरला, डॉ. एल मुरूगन और निसिथ प्रमाणिक को मोदी अपनी कैबिनेट में जगह दे रहे हैं।

इन 11 मंत्रियों की छुट्टी
बुधवार की सुबह से मोदी मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों की छुट्टी हो चुकी है। इनमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में हार के बाद वहां मंत्री बाबुल सुप्रियो कोई भी छुट्टी हो गई है। इनके अलावा रावसाहेब दानवे पाटील, सदानंद गौड़ा, देवश्री चौधरी, संतोष गंगवार, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और प्रताप सारंगी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को कोरोनावायरस की लहर भारी पड़ गई है। संक्रमण का नियंत्रण न होने के कारण जिस तरह नरेंद्र मोदी सरकार देशभर में आलोचना की शिकार बनी, उसके बाद हर्षवर्धन से इस्तीफा लिया गया है। हर्षवर्धन के पास विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय भी था। उनके इस्तीफे से दो भारी-भरकम मंत्रालय खाली हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से सांसद बाबुल सुप्रियो का इस्तीफा हो गया है। वह पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। जानकारी मिली है कि बाबुल खुद पार्टी से नाराज चल रहे थे। दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी बाबुल सुप्रियो को टिकट दिया गया था लेकिन वह 50000 वोटों से हार गए थे। ऐसे में उनका केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना पड़ा सवालिया निशान था।

कैबिनेट से इस्तीफा देने वालों में सबसे बड़ा नाम रमेश पोखरियाल निशंक का है। निशंक उत्तराखंड में हरिद्वार से सांसद हैं और अभी शिक्षा मंत्री थे। बताया जा रहा है कि उन्हें पिछले दिनों कोरोनावायरस का संक्रमण हो गया था। वह एक महीने तक अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने अपनी खराब तबीयत का हवाला देकर इस्तीफा दिया है। हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि नई एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने में हुई लापरवाही से संघ और मोदी उनसे नाराज थे। कर्नाटक की बेंगलुरू नॉर्थ सीट से बीजेपी सांसद सदानंद गौड़ा का भी इस्तीफा हो गया है। वे रासायनिक उर्वरक मंत्री थे।

बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस की दवाओं की कमी को लेकर मोदी सरकार की फजीहत हुई। उसकी गाज सदानंद गौड़ा पर गिरी है। बरेली से सांसद और पुराने नेता संतोष गंगवार ने भी इस्तीफा दे दिया है। वह श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री थे। कोरोना काल के दौरान संतोष गंगवार की एक चिट्ठी खूब वायरल हुई थी। जिसमें उन्होंने यूपी सरकार की आलोचना की थी। अब उनकी जगह पर लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा को मंत्री बनाया जा रहा है। इस मोदी सरकार में सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला चेहरा उड़ीसा की बालासोर सीट से सांसद प्रताप सारंगी का था। प्रताप सारंगी बेहद सरल और जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं। वह उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी और संघ के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं। वह मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। बताया जा रहा है कि संघ और भाजपा ने प्रताप सारंगी को वापस उड़ीसा भेजकर संगठन को मजबूत करने के लिए कहा है।

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