मेट्रो में टोकन सिस्टम खत्म होगा, फास्टैग की तरह कटेगा किराया

दिल्ली-एनसीआर के 18 लाख लोगों के लिए खास खबर : मेट्रो में टोकन सिस्टम खत्म होगा, फास्टैग की तरह कटेगा किराया

मेट्रो में टोकन सिस्टम खत्म होगा, फास्टैग की तरह कटेगा किराया

Tricity Today | मेट्रो में टोकन सिस्टम खत्म होगा

New Delhi : दिल्ली-एनसीआर के उन 18 लाख लोगों के लिए खास खबर है, जो रोजाना किसी न किसी वजह से मेट्रो में यात्रा करते हैं। अब मेट्रो की यात्रा को आसान और सुखद बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इस व्यवस्था से टोकन सिस्टम खत्म हो जाएगा। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर जिस तरह वाहनों पर लगे फास्टैग के जरिए टोल वसूली की जाती है, ठीक उसी तरह यात्री की जेब में रखे कार्ड से खुद-ब-खुद किराया कट जाएगा। इससे मेट्रो स्टेशनों पर लोगों को कम वक्त बिताना होगा। दूसरी तरफ डीएमआरसी मैनेजमेंट को यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने में मदद मिलेगी। मेट्रो स्टेशनों कम वक्त बिताने से भीड़ घट जाएगी।

अभी टोकन सिस्टम से लिया जाता है किराया
अभी डीएमआरसी टोकन सिस्टम और टच स्क्रीन कार्ड के जरिए किराया लेता है। किराया व्यवस्था को कैशलेस को तेज बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे समय की बचत होगी और यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी। अगले साल 2023 में सभी मेट्रो रूट पर यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसे ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) कहा जाता है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद यात्रियों के लिए टोकन खरीदने का झंझट खत्म हो जाएगा। हालांकि, अभी मेट्रो के चुनिंदा रूटों पर एएफसी के जरिए किराया लिया जा रहा है।

कैसे काम करता है एएफसी
ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के तहत तीन व्यवस्थाएं लागू होंगी। यात्रियों को क्यूआर कोड वाले टिकट जनरेट करने की खरीदा मिलेगी। सीधे बैंक खाते से जुड़े एप्लीकेशन के जरिए किराए का भुगतान कर सकेंगे। नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) सिस्टम वाले कार्ड दिए जाएंगे। यह कार्ड वाहनों पर लगे फास्टैग की तरह काम करते हैं। यात्रा शुरू करने के लिए प्रवेश द्वार के सामने से जब एनएफसी कार्ड धारक गुजरेगा तो डीएमआरसी का ऑटोमेटिक सिस्टम कार्ड को पढ़ लेगा। यात्रा पूरी करने के बाद जब व्यक्ति मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलेगा तो एक बार फिर ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन सिस्टम उस कार्ड को पढ़ेगा। प्रवेश और निकास वाले स्टेशनों के मध्य की गई यात्रा की गणना कंप्यूटरीकृत सिस्टम करेगा और एनएफसी कार्ड से काट लेगा। कुल मिलाकर यात्री को शुरू से लेकर आखिर तक कहीं ठहरने की आवश्यकता नहीं होगी।

अब इन रूट पर सिस्टम लागू होगा
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से बताया गया है कि अभी तीन रूट पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इनमें जनकपुरी पश्चिम से आरके पुरम, मजलिस पार्क से मौजपुर और तुगलकाबाद से एरोसिटी रूट शामिल हैं। अब मेट्रो सुविधाओं के विस्तार वाले चौथे चरण के तहत व्यवस्था लागू की जा रही है। चौथे चरण के कुछ हिस्सों में पहले से यह प्रणाली लागू है लेकिन अब इसे और बेहतर बनाया जा रहा है। डीएमआरसी की ओर से कहा गया है कि मेट्रो के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में पहले से एएफसी लागू है। जिसे अपग्रेड करने के लिए मेट्रो की तरफ से थेल्स कलेक्शन सिस्टम, पेटीएम बैंक और फ्रांस एसएएस को जोड़ा गया है।

अभी इन स्टेशनों पर लागू है यह व्यवस्था
अभी नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर-21 तक 6 मेट्रो स्टेशन पर और दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के 23 किलोमीटर रूट पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड और क्यूआर कोड टिकटिंग की सुविधा दी जा रही है। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ.मंगू सिंह का कहना है कि क्यूआर कोड टिकट, खाता आधारित टिकट और एनएफसी के साथ नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यात्रियों को कार्ड लेकर चलने या उन्हें खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। नई व्यवस्था के उपयोग से यात्रियों का काफी वक्त बचेगा। मेट्रो यात्रा के दौरान टोकन खरीदने का झंझट पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

रोजाना 18 लाख लोग करते हैं यात्रा
आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के करीब 18 लाख लोग रोजाना मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से 20 फ़ीसदी लोग टोकन का प्रयोग करते हैं। बाकी कार्ड से भुगतान कर रहे हैं। अब डीएमआरसी प्रयास कर रहा है कि ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए। जिससे यात्री ऑनलाइन भुगतान करें। ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन सिस्टम से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को भी बड़े फायदे होंगे। टोकन बनवाने का खर्च खत्म हो जाएगा। टोकन बांटने वाले कर्मचारियों को दूसरे कामकाज में लगाया जाएगा। टोकन वेंडिंग मशीन पर आने वाला खर्च खत्म हो जाएगा। बिना वजह टोकन खरीदने के लिए लाइन में लगने वाले लोगों को संभालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। लोगों को और बेहतर सुविधाएं देने में मदद मिलेगी।

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