Ghaziabad News : महंगाई की मार से टमाटर 'लाल' हुआ जा रहा है। फुटकर दुकानों पर टमाटर का भाव सौ रुपए पार करने को है, जबकि मंडी में थोक भाव 400 रुपए धड़ी (पांच किलो) तक पहुंच गया है। स्थिति यह है कि टमाटर ने रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। शायद ही ऐसी कोई दाल या सब्जी होगी जो बिना टमाटर के बनती हो। बरसात में सब्जियों पर महंगाई की मार रहती है, ऐसे में निम्न मध्यम वर्गीय परिवार दाल का प्रयोग बढ़ाकर काम चलाते हैं, लेकिन दालों के भाव भी आसमान छू रहे है। चना दाल को छोड़ दें तो बाजार में अधिकर दालों के भाव 150 से ढाई सौ रुपए प्रति किलो हैं। ऊपर से प्याज भी महंगी होने से दाल में तड़का लगाना मुश्किल हो गया है।
मंडी में 400 रुपए धड़ी हुआ टमाटर का रेट
साहिबाबाद मंडी में आढ़त करने वाले हारुन ने बताया कि पांच किलो टमाटर का रेट 40 रुपए है। उन्होंने बताया कि आजकल शिमला और बैंगलुरू का टमाटर मंडी में पहुंच रहा है। इस टमाटर के साथ बड़ी दिक्कत यह है कि आधे से ज्यादा टमाटर खराब निकलता है। उन्होंने बताया हमारे पास टमाटर की 25 किलो की पेटी आती है। उसे खोलते हैं तो मुश्किल से 12 किलो टमाटर साफ निकलता है, बाकी सब दागल। बस इसी बात के चलते बाजार में टमाटर पर महंगाई की मार पड़ रही है। बगल वाले आढ़ती मनमोहन ने बताया कि सोमवार को मंडी से एक धड़ी टमाटर 400 रुपए में उठा है, टमाटर का भाव अभी और चढ़ सकता है।
फुटकर दुकानों पर मिल रहा सौ रुपए किलो
वसुंधरा में सब्जी की दुकान करने वाले फिरोज आलम ने टमाटर का भाव पूछने पर बताया - बाबूजी सौ रुपए किलो है ले लो। कल इस भाव में ना मिलेगा। देख लो फायदे का सौदा है। थोड़ा और विस्तार से बात करने पर फिरोज बताता है साहब, अभी तो सौ रुपए से कम नहीं दे पाऊंगा। शाम को 80 तक बेच दूंगा। ऐसा क्यों, उसने बताया 80 रुपए किलो की खरीद है ना, घर ले गया तो कल तक खराब हो जाएगा। जो पैसे सुबह मंडी में दिए हैं वह भी तो पूरे करने है। दिन भर 20 रुपए के मार्जिन पर बेचूंगा तो बच्चों लिए कुछ कमा लूंगा।
प्याज के भाव ने भी रुलाया
प्याज के भाव भी बढ़ रहे हैं। 50 रुपए किलो से कम तो प्याज कहीं ढूंढी हाथ नहीं आ रही। अब दाल में तड़का मारने के लिए टमाटर से पहले तो प्याज ही जरूरी है। वैशाली सेक्टर- चार में सब्जी विक्रेता मोहसिन बताता है लोग एक- एक किलो प्याज खरीदते हैं, भाव जो बढ़ गए हैं। टमाटर खरीदने वाले तो आधा पाव तक उतर आए हैं। खरीदने वाले भी क्या करें, उनका भी अपना बजट है।