यूपी में कांवड़ यात्रा पर केंद्र को ऐतराज, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर फिर विचार का दिया वक्त

बड़ी खबरः यूपी में कांवड़ यात्रा पर केंद्र को ऐतराज, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर फिर विचार का दिया वक्त

यूपी में कांवड़ यात्रा पर केंद्र को ऐतराज, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर फिर विचार का दिया वक्त

Google Image | यूपी में कांवड़ यात्रा पर केंद्र को ऐतराज

यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इसके बाद शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने आगामी सोमवार को राज्य सरकार को अपने फैसले से अवगत कराने के लिए कहा है। अगर राज्य सरकार सोमवार तक जवाब नहीं देती है, तो सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आदेश जारी करेगा। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड पहले ही कांवड़ यात्रा पर रोक लगा चुका है। इसी महीने 13 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा कैंसिल करने का आदेश दिया था।

नहीं मिलनी चाहिए मंजूरी
आज सुनवाई के दौरान भारत सरकार ने भी शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य सरकारों को हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए कांवड़ियों को आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए। लेकिन यह धार्मिक आस्था का मामला है। इसलिए धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारें टैंकरों से श्रद्धालुओं को गंगा जल उपलब्ध कराएं तो बेहतर रहेगा। केंद्र सरकार ने योगी सरकार के यात्रा की मंजूरी के फैसले के खिलाफ अदालत में हलफनामा दिया है।


सांकेतिक होगी यात्रा
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य में कांवड़ यात्रा संकेतिक रूप से होगी। पूरी यात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाएगा। बताते चलें कि 13 जुलाई को योगी सरकार ने राज्य में होने वाली कांवड़ यात्रा को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान आदेश देते हुए कहा कि कांवड़ियों को किसी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अफसरों और विभागों से हर स्तर पर तैयारी मुकम्मल करने का आदेश दिया था।

घाटों पर पूरी तैयारी
वेस्ट यूपी के जिलों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद और बिजनौर में तैयारियां जोरों पर है। गुरुवार शाम को ही मेरठ जोन के एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी प्रवीण कुमार ने गंगा किनारे के घाटों का जायजा लिया था। मुख्य मंत्रियों की सुरक्षा-व्यवस्था का मुआवना किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ कम रखने के लिए कांवड़ यात्रा को अलग-अलग स्थानों से एक साथ निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छोटे-छोटे जत्थों में कांवड़ यात्रा होगी। सब के ठहरने का अलग-अलग इंतजाम होगा। 

उत्तराखंड सरकार लगा चुकी है रोक
उत्तराखंड सरकार पहले ही कांवड़ यात्रा पर रोक लगा चुकी है। इसी महीने 13 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा कैंसिल करने का आदेश दिया था। उन्होंने 22 जुलाई की सुबह से हरिद्वार की सभी सीमा सील करने का आदेश जारी किया था। हरिद्वार जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि कोई भी कावंड़िया हरिद्वार की सीमा में प्रवेश नहीं करेगा। अगर कोई कानून का उल्लघंन करेगा, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। साथ ही उसे 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। कांवड़ियों के वाहन सीज कर जब्त किए जाएंगे। जिला प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह मुस्तैद है।

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