Delhi News : दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2024 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यूपी मॉडल की धूम अंतरराष्ट्रीय स्तर तक देखने को मिली। इस मेले में यूपी पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना, जहां तीन लाख से अधिक लोग पहुंचे। बी2बी और बी2सी संपर्कों के जरिए यूपी पवेलियन ने करोड़ों रुपये के व्यापारिक ऑर्डर प्राप्त किए। इस मौके पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र नहीं बल्कि एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र भी बन चुका है, जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
उत्तर प्रदेश पवेलियन को मिला गोल्ड मेडल
आईआईटीएफ 2024 के समापन दिवस पर उत्तर प्रदेश पवेलियन को गोल्ड मेडल से नवाजा गया, जो राज्य के विकास और व्यापारिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्रदान करता है। राकेश सचान ने कहा कि ऐसे मंच हमारे कारीगरों और उद्यमियों को अपनी कला और कौशल दुनिया के सामने पेश करने का मौका प्रदान करते हैं। यह कदम राज्य के आर्थिक विकास की दिशा में अहम साबित हो रहा है।
नोएडा की मोड रिटेल सेल्स एंड मार्केटिंग को मिला 20 हजार रुपये का पुरस्कार
समापन अवसर पर यूपी पवेलियन में शानदार प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी दिए गए। कानपुर की एफके इंटरनेशनल को 25 हजार रुपये का पहला पुरस्कार मिला, जबकि नोएडा की मोड रिटेल सेल्स एंड मार्केटिंग को दूसरा पुरस्कार 20 हजार रुपये और आजमगढ़ के विवर्स हैंडलूम विकास केंद्र को तीसरा पुरस्कार 15 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। इन पुरस्कारों से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में उद्यमिता और कौशल का भरपूर विकास हो रहा है।
भदोही, मुरादाबाद, कन्नौज और वाराणसी की कारीगरी ने किया दर्शकों को आकर्षित
आईआईटीएफ 2024 में उत्तर प्रदेश पवेलियन में 120 से अधिक स्टॉल थे, जो राज्य के विभिन्न जनपदों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इनमें भदोही, मुरादाबाद, कन्नौज और वाराणसी जनपदों का प्रमुख योगदान रहा। पवेलियन में ओडीओपी उत्पाद, हस्तशिल्प और डैडम् नवाचार को भी प्रदर्शित किया गया, जिससे राज्य के वैश्विक और घरेलू बाजार में बढ़ती पकड़ को दर्शाया गया। भदोही की कालीन, मुरादाबाद की पीतल कारीगरी, कन्नौज का इत्र और वाराणसी की रेशमी साड़ियों ने दर्शकों को आकर्षित किया।