Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) में फैले भ्रष्टाचार के चर्चे वैसे तो पूरे प्रदेश में जगजाहिर हैं। किन्तु ताजा मामले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) के एक ट्वीट ने भी नगर निगमें फैले भ्रष्टाचार की तस्दीक कर दी है। जिसमें बृजेश पाठक ने गाजियाबाद नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मेरठ मंडल से इस मामले में जांच कराए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी, गाजियाबाद द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सी०सी०टी०वी० कैमरों व बायोमैट्रिक मशीन इत्यादि के क्रय के उपरान्त अवैध धन अर्जन के उद्देश्य से पत्रावलियों को अनावश्यक रूप से लम्बित रखते हुए बिलों के भुगतान में देरी करने तथा अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व…
यह है पूरा मामला
गाजियाबाद नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी को बचाने के लिए पूरा महकमा लगा हुआ है। दरअसल, गाजियाबाद नगर निगम में तैनात नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह पर विजिलेंस जांच और मुकदमे के बाद भी वह पिछले तीन वर्षों से अपने पद पर बने हुए हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह पर तीन वर्षों से विजिलेंस जांच चल रही है। मामला स्वच्छ भारत मिशन 2018 से जुड़ी एक योजना से संबंधित है। गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में योजना के अंतर्गत 115 सीसीटीवी कैमरे, कर्मचारी की हाजिरी लगाने के लिए 50 बायोमेट्रिक मशीन और चार हजार कर्मचारियों के लिए आई कार्ड बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिल्ली की फर्म मैसर्स जितिन आनंद कंप्यूटर को दिया गया था।
विलिलेंस जांच में कमीशन की पुष्टि
फार्म का आरोप है कि कार्य पूरा हो जाने के बाद उसका बिल रोक दिया गया और उससे बदले में कमीशन की मांग की गई। जिसकी शिकायत फर्म की तरफ से विजिलेंस विभाग को की गई। 15 मार्च 2021 को विजिलेंस मेरठ की तरफ से जांच पूरी कर शासन को भेज दी गई, जिसमें फार्म द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए थे। जांच के बाद भी डॉक्टर मिथिलेश कुमार सिंह नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर बने रहे। अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ट्वीट कर मामले को सार्वजनिक कर दिया है और अधिकारी के खिलाफ अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मेरठ मंडल से इस मामले में जांच कराए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए है।