गाजियाबाद में किसानों की मौत और आत्महत्या पर बोले अखिलेश यादव- भाजपा झूठ बोलकर गलत कानून थोप रही है

किसान आंदोलन : गाजियाबाद में किसानों की मौत और आत्महत्या पर बोले अखिलेश यादव- भाजपा झूठ बोलकर गलत कानून थोप रही है

गाजियाबाद में किसानों की मौत और आत्महत्या पर बोले अखिलेश यादव- भाजपा झूठ बोलकर गलत कानून थोप रही है

Google Image | अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में दिल्ली बार्डर पर किसान की मौत और आत्महत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। इन घटनाओं के लिए अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार को दोषी ठहराया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को टवीट किया, ''किसान आंदोलन में गाजीपुर बार्डर पर व्योवृद्ध किसान की आत्महत्या की खबर बेहद दुखद है, श्रद्धांजलि। किसान अपने अधिकारों को बचाने के लिए जान दे रहा हैं, लेकिन भाजपा सरकार बेतुके तर्कों और झूठे वादों से काले कृषि कानून थोपना चाहती है। किसान की मृत्यु के लिए भाजपा दोषी है।'' अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव को टीके पर भरोसा नहीं है और यह देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का अपमान है।

आपको बता दें कि गाजियाबाद धरने में पिछले दो दिनों के दौरान दो किसानों की मौत हुई हैं। शुक्रवार को बागपत के किसान गलतान सिंह की मौत ठण्ड के कारण हुई। जबकि, शनिवार को रामपुर के किसान कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। दूसरी ओर पिछले दो दिनों से खराब मौसम किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। तेज ठंड और बारिश ने हालत खराब कर दी है। इसके बावजूद नोएडा में चिल्ला बॉर्डर और गाजियाबाद में यूपी गेट बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन रविवार को भी जारी है। 

कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बावजूद किसान दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं। गाजियाबाद में यूपी गेट पर डटे किसानों के टैंट उड़ गए हैं। तम्बुओं में भीतर पानी भर गया है। शीत लहर में नेशनल हाइवे पर बैठना मुश्किल है, लेकिन किसान टस से मस नहीं हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार और मौसम हमारा कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे। हम सभी यहां शहीद होने आए हैं। खराब मौसम से क्या फर्क पड़ने वाला है।"

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