गाजियाबाद में पांच हजार बच्चे और किशोर कोरोना से संक्रमित, तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रशासन एलर्ट

चिंताजनकः गाजियाबाद में पांच हजार बच्चे और किशोर कोरोना से संक्रमित, तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रशासन एलर्ट

गाजियाबाद में पांच हजार बच्चे और किशोर कोरोना से संक्रमित, तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रशासन एलर्ट

Google Image | गाजियाबाद में पांच हजार बच्चे और किशोर कोरोना से संक्रमित

गाजियाबाद प्रशासन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर सावधान है। इसमें बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की भी आशंकाएं जताए जा रही हैं, लेकिन वर्तमान में ही कोरोना संक्रमण से पीडि़त होने वाले बच्चों की संख्या कुछ कम नहीं है। इस साल में अब तक 3000 से ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि बच्चों में रिकवरी रेट लगभग शत प्रतिशत है। संक्रमित होने वालों में सबसे ज्यादा लोग 21 से 40 वर्ष की उम्र वाले हैं। जबकि 60 साल से अधिक उम्र वालों की संख्या काफी कम है। जिले में 15 मार्च के बाद कोरोना संक्रमण ग्राफ तेजी से उपर जाना शुरु हुआ था। 

डराने वाले हैं आंकड़ें
अप्रैल में हालात बेहद खराब हो गए थे। हालांकि मई में कुछ सुधार होना शुरु हुआ। इस दौरान 21 से 40 वर्ष उम्र वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 मई तक इस उम्र वर्ग के 23844 लोग संक्रमित हुए और मृत्यु भी इसी उम्र वर्ग में सबसे ज्यादा हुईं। 41 से 60 वर्ष की उम्र वर्ग में 16725 लोग संक्रमित हुए और 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले 5677 लोग संक्रमित हुए हैं। 20 वर्ष तक की उम्र वाले 5062 बच्चे और कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इनमें 10 वर्ष के बच्चों की संख्या 1520  है। जबकि 11 से 17 वर्ष उम्र वर्ग के बच्चों की संख्या 2343 है। 18 से 20 वर्ष उम्र के 1199 युवा संक्रमण की चपेट में आए। 

बच्चों को सुरक्षित रखें
सरकारी आंकड़ों के अनुसार से 20 वर्ष उम्र वर्ग में 2 मौत हुई हैं। इस उम्र वर्ग में रिकवरी रेट लगभग शत प्रतिशत है। कंबाइंड अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आरसी गुप्ता के अनुसार बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है। लेकिन ज्यादा तेजी से रिएक्ट करती है। डॉ. गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने कई बच्चों का उपचार किया है। बच्चों की डाइट पर ध्यान दें और जंक फूड से बचाएं। उन्हें पौष्टिक भोजन दें। लॉकडाउन में बच्चों को घर में ही फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें। इससे उनका इम्यून बेहतर रहेगा और रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी।

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