Ghaziabad News : पुलिस को अपहरण की झूठी कहानी सुनाकर अब तक आधा दर्जन परिवारों का पुत्र होने का दावा करने वाले राजू उर्फ मोनू शर्मा, उर्फ पन्नू उर्फ भीम सिंह को साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने मीडिया को बताया कि मूलरूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले का रहने वाले राजू का असल नाम इंद्रराज है। वह इतना शातिर होगा, पुलिस ने भी ऐसा नहीं सोचा था।
रिश्तेदार के घर से से ही चुरा लिए थे गहने
इंद्रराज अपने एक रिश्तेदार के घर से गहने चोरी करने के मामले में जेल भी जा चुका है। डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि इंद्रराज अपने दूर के रिश्तेदार हेतराम के घर में तीन माह तक रहा और मौका पाकर महत्वपूर्ण कागजात और जेवर आदि चोरी कर भाग गया। इस संबंध में राजस्थान के हनुमान गढ़ जिले के रावतसर थाने में 31 जनवरी, 2021 को मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने मामले में इसे गिरफ्तार कर जेवर बरामद भी किए थे और 8 फरवरी, 2021 को कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की थी। डीसीपी ने बताया कि बचपन से ही खुरापाती इंद्रराज बिना काम किए एशो आराम की जिंदगी चाहता था, उसी मकसद से इसने एक- एक कर नौ परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ किया।
परिवार ने बताया आदतन चोर है इंद्रराज
डीसीपी निमिष पाटिल ने राजू असल में इंद्रराज पुत्र चुन्नीलाल निकला, जो राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के जैतसर थानाक्षेत्र का रहने वाला है। सही पता मिलने के बाद पुलिस उसके घर भेजी गई। इंद्रराज के घर वालों ने बताया कि वह आदतन चोर है, बचपन में ही इसकी चोरी करने की आदत से परेशान होकर घर से निकाल दिया था, लेकिन उसने अपनी आदत नहीं छोड़ी कई रिश्तेदारियों में जाकर भी उसने ऐसा किया और जगह- जगह वह पीड़ित परिवारों को बेटा बनकर जाने लगा। गाजियाबाद में उसका यह 9वां प्रयास था।
खोड़ा थाना पुलिस को सुनाई थी झूठी कहानी
डीसीपी ने बताया कि 24 नवंबर को खोड़ा थाना पुलिस को उसने अपना नाम राजू बताते हुए 30 साल पहले अपहरण की कहानी सुनाई। पुलिस ने उसकी मदद के इरादे से फोटो और खबर प्रसारित कराई। कई परिवार उसे देखने थाने पहुंचे लेकिन शहीदनगर के तुलाराम के परिवार ने उसकी पहचान अपने 31 साल पहले अगवा किए गए बेटे भीम सिंह के रूप में कर ली। राजू ने भी परिवार को पहचानने की बात कही तो उसे परिवार के हवाले कर दिया था।
देहरादून से मिलती जुलती कहानी मिली
दो-तीन बाद ही देहरादून से भी एक मिलती जुलती कहानी की खबर मिली, जिस पर पुलिस टीम को देहरादून भेजा गया, जहां से जानकारी मिली कि लोहिया नगर में रहने वाले कपिलदेव शर्मा के घर चार माह से अधिक समय तक मोनू शर्मा बनकर रहने वाला युवक यही है। इधर शहीद नगर के परिवार ने उसके व्यवहार को लेकर शक जाहिर किया और पुलिस से जांच करने की मांग की। इस पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना असली नाम इंद्रराज पुत्र चुन्नी लाल बताया था। उसकी बताई गई बातें पुलिस ने उसके परिवार से मिलकर तस्दीक कीं।
देहरादून में मोनू शर्मा बनकर रहा था
24 नवंबर को गाजियाबाद आने से पूर्व चार माह से अधिक समय तक इंद्रराज देहरादून के लोहियानगर निवासी कपिलदेव शर्मा के घर में उनका खोया हुआ बेटा मोनू शर्मा बनकर रहा था। वहां से दिल्ली में काम ढूंढने के बहाने निकला और गाजियाबाद में नए ठिकाने की तलाश शुरू कर दी। डीसीपी ने बताया कि अभी तक की जांच में इंद्रराज के नौ परिवारों में अपने पहचान छिपाकर रहने की जानकारी मिली है। इन जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
सीकर में दो माह तक रहा
जून, 2023 में अभियुक्त इन्द्रराज अपनी पहचान छिपाकर गुमशुदा पंकज कुमार पुत्र गउराम नायक ग्राम झीगर छोटी थाना दादिया जिला सीकर राजस्थान के नाम से उनका पुत्र बनकर करीब 02 माह तक रहा है । और मौका मिलने पर वहाँ से बिना बताये चला गया ।
गंगानगर में डेढ़ माह रहा
इन्द्रराज करीब चार वर्ष पूर्व अपनी पहचान छिपाकर श्री आशाराम पुत्र मनपुरराम निवासी ग्राम लालगडिया थाना रजियासर जनपद गंगानगर के यहाँ उनके पुत्र रामप्रताप के रूप में करीब डेढ माह रहा है, जहां इसके परिजनों को जानकारी मिलने पर इसका भाई वहां से ले गया ।
इन स्थानों पर रहने की भी मिली है जानकारी
अभियुक्त अपनी पहचान छिपाकर भटिंडा पंजाब, जैसलमेर राजस्थान, हिसार हरियाणा, सिरसा हरियाणा में अपनी अलग अलग पहचान बदलकर घरों में पुत्र बनकर रहा है। डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि इंद्रराज और उसके परिवार से पूछताछ के बाद प्रकाश में आए कुछ और तथ्यों की अभी जांच चल रही है।