Tricity Today | पुलिस गिरफ्त में शातिर मनीष और शाहरुख।
Ghaziabad News : यदि आप भी विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो विदेश मंत्रालय में रजिस्टर्ड एजेंसी से ही संपर्क करें। दरअसल विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी के तमाम मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को ही गाजियाबाद के कौशांबी थाना पुलिस ने ऐसे दो शातिरों को गिरफ्तार किया है जो भोले भाले लोगों को अजरबेजान, दुबई और कुवैत जैसे देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगते थे। रकम ऐंठने के लिए शातिर फर्जी वीजा और हवाई टिकट थमा देते थे। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 22 पासपोर्ट, चार मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया है।
किशन कुमार से ठगे थे 2.95 लाख
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि वैशाली के रामप्रस्थ ग्रीन्स में किशन कुमार पुत्र सुशीर कुमार परिवार के साथ रहते हैं। किशन कुमार ने बृहस्पतिवार को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 2.95 लाख रुपये ठगे जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस को दी तहरीर में किशन कुमार ने आरोप लगाया थ कि विदेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रकम ऐंठने के बाद फर्जी बीजा व टिकट दे दिए।
क्लाउड-9 टावर में खोल रखा था आफिस
पुलिस ने मामले की छानबीन की और वैशाली निवासी शाहरुख खान और दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके निवासी मनीष कुमार गोंड को गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने वैशाली सेक्टर- एक क्लाउड - 9 टावर में जय अंबे एंटरप्राइजेज के नाम से दफ्तर बनाया हुआ है। इस दफ्तर से लोगों को अजरबेजान, दुबई, कुवैत और मालदीव आदि देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर पासपोर्ट जमा कर करके उनसे वसूली कर लेते थे। अभियुक्तों ने यह भी बताया कि वे लोगों को फर्जी वीजा और हवाई टिकट थमाकर मोटी रकम ऐंठ लेते थे।
मनीष पांचवी और शाहरुख 12वीं पास
मनीष कुमार गोंड ने बताया कि वह मई, 2022 से अप्रैल, 2023 तक साउथ अफ्रीका में डायनेमिक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी करता था। अफ्रीका से लौटने के बाद उसने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी का काम शुरू कर दिया। महज पांचवीं पास मनीष उर्फ गणेश मूलरूप से कुशीनगर का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रहता है। मनीष कंप्यूटर पर एडिटिंग का मास्टर है। उसका साथी शाहरुख 12वीं पास है।
छह माह पूर्व खोला था आफिस
पहले दोनों ने विदेशों में नौकरी दिलवाने वाली कंपनियों के डीलर के रूप में काम किया, जहां उन्हें ग्राहक दिलवाने पर कमीशन मिलता था। छह माह पूर्व दोनों ने मिलकर अपना आफिस खोल लिया। अभियुक्तों ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते थे। पुलिस के मुताबिक शातिरों ने विदेश मंत्रालय से जारी होने वाला लाईसेंस भी फर्जी तैयार कर लिया था और कंपनी के नाम पर फर्जी पैन कार्ड भी तैयार कर लिया।
करीब 50 लोगों के साथ कर चुके हैं ठगी
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक मनीष ने अभी तक 50 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने का जुर्म कबूल किया है। मनीष के मुताबिक दोनों मिलकर 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। उसने बताया कि ग्राहकों से वह शाहरुख के खाते में रकम ट्रांसफर कराते थे। पेमेंट केवल ऑनलाइन की लिया जाता था और झांसे में आए लोगों को देने के लिए कैंसल टिकट का प्रिंट आउट निकालने के बाद एडिट करके भेज देते थे। चैंकिग के दौरान ही पीड़ित को ठगी होने का पता चलता था।