Tricity Today | पुलिस हिरासत में अनिल कटियाल और विनोद कपूर।
Ghaziabad News : कहते हैं ना, चोर चोरी करता है तो कुछ ना कुछ क्लू छोड़ ही देता है। इंटेलीजेंट अधिकारी इस क्लू को पकड़कर एक ही झटके में अपराधी को बेनकाब भी कर देते हैं। 1979 बैच के कथित रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी के साथ भी ऐसा ही हुआ, उसकी एक मामूली सी हरकत पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र की आंखों में चढ़ गई, और बस वहीं से अनिल कटियाल बेनकाब होता चला गया।
कमिश्नर को यह बात खटक गई
कथित आईपीएस अनिल कटियाल डीसीपी (ट्रांस हिंडन) के अलावा पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र से भी उनके कार्यालय में मिला था। वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते उसे पूरा सम्मान भी मिला, लेकिन चलते समय जब अनिल कटियाल ने कमिश्नर के साथ फोटो करवाने की इच्छा जाहिर की तो कमिश्नर को उसकी यह हरकत खटक गई। उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दे दिए। जांच के दौरान कुछ और तथ्य सामने आए तो कमिश्नर का शक पुख्ता हो गया। जांच और आगे बढ़ाई गई।
छह दिन तक चली जांच, फिर एफआईआर
छह दिन तक की गई जांच के बाद पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद बुधवार को पुलिस ने कथित आईपीएस के खिलाफ साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया। एडीसीपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि हिरासत में पूछताछ हुई तो अनिल कटियाल ने अपना जुल्म कबूल कर लिया। एडीसीपी ने बताया कि अभियुक्त के मोबाइल से दिल्ली और गुरुग्राम के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर अनैतिक दवाब बनाने के साक्ष्य मिले हैं।
अधिकारियों के बीच रहकर रौब गालिब करना सीखा
दरअसल अनिल कटियाल के पिता आईआरएस अधिकारी रहे हैं। उसका एक कजन भी आईपीएस अधिकारी है। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई करने के चलते उसके कई क्लास फैलो भी पुलिस और प्रशासनिक सेवा में हैं। इसके अलावा अनिल कटियाल 10 साल तक वोडाफोन कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट कार्पोरेट अफेयर्स भी रहा, तो इस दौरान भी उसका अधिकारियों से वास्ता रहा और उठना, बैठना, बोलना- चालना सब अधिकारियों जैसा हो गया। बॉडी लैंग्वेज ऐसी कि अफसर देखते ही अधिकारी मान लें, लेकिन गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर ने एक ही नजर में पहचान लिया कि दाल में कुछ काला है।