Tricity Today | गंगनहर पर निरीक्षण के दौरान चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह अधिकारियों से जानकारी लेते हुए
Ghaziabad News : कांवड़ मार्ग के चौड़ीकरण के लिए काटे जा रहे पेड़ों के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शुक्रवार को सुनवाई होनी है। सरकार पेड़ों के कटान के संबंध में एनजीटी के समक्ष अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रही है। इसी तैयारी में उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को गंगनहर का निरीक्षण किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी ने अधिकारियों से सजा भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा है। चीफ सेक्रेटरी ने अधिकारियों के ढुलमुल रवैये पर भी नाराजगी जाहिर की।
मुरादनगर से दुल्हैंडी तक निरीक्षण किया
अधिकारियों ने मुरादनगर से दुल्हैंडी (मुजफ्फरनगर) तक गंगनहर का निरीक्षण किया। बता दें कि 25 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से नहर किनारे की वस्तुस्थिति को लेकर फोटो दाखिल किए जाने थे, लेकिन याची विधायक अतुल प्रधान के मुताबिक अधिकारियों की ओर से फोटो पेश नहीं किए गए थे। इस माना जा रहा है कि सुनवाई से दो दिन पहले चीफ सेक्रेटरी का गंगनहर निरीक्षण करने का यही उद्देश्य रहा होगा। निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के सचिव जिलाधिकारी गाजियाबाद इन्द्र विक्रम सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, जिला वन अधिकारी (डीएफओ) ईशा तिवारी, मुख्य अभियंता संजीव भारद्वाज के अलावा एसडीएम मोदीनगर डा. पूजा गुप्ता और मेरठ से लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एसएन गुप्ता भी मौजूद रहे।
सपा विधायक ने की थी शिकायत
गंगनहर पटरी पर कांवड़ मार्ग (चौधरी चरण सिंह मार्ग) के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर सपा विधायक अतुल प्रधान ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। 25 जुलाई को सुनवाई के दौरान खुद विधायक अतुल प्रधान और उनके अधिवक्ता सुहेल शाह एनजीटी में पेश हुए थे। विधायक ने बताया अफसर देरी से एनजीटी पहुंचे थे। एनजीटी ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे आफ इंडिया के जरिए गंग नहर पटरी के पूर्व एवं वर्तमान स्थिति के फोटोग्राफ उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। 25 जुलाई को अधिकारियों ने कोई रिपोर्ट या फोटोग्राफ पेश नहीं की थीं। एनजीटी ने मामले में सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तारीख तय कर दी थी।
1.12 लाख पेड़ काटे जा रहे : अतुल प्रधान
विधायक अतुल प्रधान की ओर से कहा गया है कि गंगनहर पटरी के किनारे सड़क चौड़ीकरण के लिए 1.12 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं। मामले को एनजीटी ने गंभीरता से लिया है। इसमें मामले में लोक निर्माण विभाग और वन विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। दरअसल यह मामला आगे चलकर पर्यावरणीय असंतुुलन का बहुत बड़ा कारण बनेगा। हम मामले की मजबूती से पैरवी कर रहे हैं।