गाजियाबाद की हवा में जहर घोल रही आतिशबाजी, शादी समारोह में पटाखे चले तो बैंक्वेट संचालक पर होगी कार्रवाई

सावधान : गाजियाबाद की हवा में जहर घोल रही आतिशबाजी, शादी समारोह में पटाखे चले तो बैंक्वेट संचालक पर होगी कार्रवाई

गाजियाबाद की हवा में जहर घोल रही आतिशबाजी, शादी समारोह में पटाखे चले तो बैंक्वेट संचालक पर होगी कार्रवाई

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Ghaziabad News : गाजियाबाद की हवा में पटाखों से निकलने वाल जहरीले कण मिले हैं। आजकल शादियों का सीजन है। शादी समारोह के दौरान होने वाली आतिशबाजी ने ही शहर की हवा का यह हाल किया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने गाजियाबाद की हवा खराब करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली है। विभाग की ओर से रात में निरीक्षण के लिए टीमें गठित की गई हैं।

ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू हैं
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा है कि हवा में आतिशबाजी के जहरीले कण मौजूद हैं। ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू हैं, ऐसे में आतिशबाजी होना कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। विभाग की टीम अब रात में गश्त करेगी और यदि किसी शादी समारोह में आतिशबाजी होती पाई गई तो संबंधित बैंक्वेट हाल संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बैंक्ववेट संचाल‌कों को दिए निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर के सभी बैंक्वेट हॉल संचालकों को निर्देश ‌जारी किए गए हैं कि शादी समारोह के दौरान किसी तरह की आतिशबाजी न होने दें। यदि किसी समारोह के दौरान आतिशबाजी होती पाई गई तो संबंधित बैंक्वेट संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि रात में निरीक्षण के लिए टीमें गठित की गई हैं।

आतिशबाजी से निकलने वाले जहरीले कण
आतिशबाजी के दौरान सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोना ऑक्साइड जैसी गैसों के साथ ही सीसा, टाइटेनियम, स्ट्रोंटियम, तांबे, कैडमियम, सल्फर, एल्यूमीनियम और बोरियम के जहरीले कण भी निकलते हैं। यह कण हवा में घुलकर उसे जहरीली बना देते हैं। धातुओं के यह कण आतिशबाजी की रोशनी को रंगीन करने के लिए मिलाए जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यह हानिकारक तत्व वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं और सांस के जरिए फेफड़ो तक पहुंचकर कई बीमा‌रियों का कारण बनते हैं। तांबे से उत्पन्न नीला रंग श्वसन तंत्र में जलन पैदा करता है।

धीरे- धीरे फिर बढ़ रहा एक्यूआई
गाजियाबाद की हवा सीवियर होने के बाद सांस का संकट खड़ा हो गया था। ग्रैप-4 लागू होने के बाद पाबंदियां बढ़ने और हवा की गति बढने से प्रदूषण स्तर कम हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन अब फिर धीरे- धीरे गाजियाबाद की हवा खराब हो रही है और एक्यूआई बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुत‌ाबिक बुधवार को गाजियाबाद का एक्यूआई मात्र 216 था, जो गुरुवार को बढ़कर 240 और शुक्रवार को 253 तक पहुंच गया। इंडीकेटर्स साफ हैं कि थोड़ी सी भी सावधानी हटने पर शहर में प्रदूषण का लेबल जानलेवा हो जाएगा।

डॉ. बीपी त्यागी बोले- ‌निगम कर रहा ग्रैप का उल्लंघन
राजनगर सेक्टर-14 में रहने वाले शहर के वरिष्ठ ईएनटी रोग विशेष डा. बीपी त्यागी का आरोप है कि गाजियाबाद नगर निगम ग्रैप - 4 की पाबंदियों की परवाह किए बिना निर्माण कार्य करा रहा है। उन्होंने बताया कि राजनगर सेक्टर- 14 में नगर निगम के द्वारा पार्क की बाउंड्रीवॉल रिपेयर कराई जा रही है। यदि नगर निगम ही ग्रैप-4 का उल्लंघन और वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने का काम करेगा तो वह ऐसा कर रहे अन्य लोगों के खिलाफ कैसे कार्रवाई करेगा और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनुपालन कैसे संभव होगा। इस संबंध में डॉ. बीपी त्यागी की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया है।

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