नाम 'आजाद', पिता 'स्वतंत्रता' और 'जेल' है निवास, तब मिली 15 कोड़ों की सजा

Ghaziabad News : नाम 'आजाद', पिता 'स्वतंत्रता' और 'जेल' है निवास, तब मिली 15 कोड़ों की सजा

नाम 'आजाद', पिता 'स्वतंत्रता' और 'जेल' है निवास, तब मिली 15 कोड़ों की सजा

Tricity Today | चन्द्रशेखर आजाद की जयंती

गाजियाबाद। नवयुग मार्केट में आज अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई गई। विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सदस्यों ने उनकी प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराया और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। 

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे चंद्रशेखर आजाद
विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा के संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी थे। आजाद का जन्म स्थान भाबरा 'आजादनगर' के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे। 

15 साल की उम्र में ही जुड़े गांधी जी के आंदोलन के साथ
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 में वह गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। वह गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष पेश किए गए। वहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया। तब उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई। हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने, 'वंदे मातरम्' का स्वर बुलंद किया। ऐसे वीर क्रांतिकारी का नाम मन में आते ही मस्तक गर्व से ऊंचा हो जाता है। 

संकल्प को पूरा करने के लिए खुद को मारी गोली
बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने संकल्प लिया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। इस तरह चंद्रशेखर आजाद के रूप में देश का एक महान क्रांतिकारी योद्धा देश की आजादी के लिए अपनी शहादत दे दी। 

इन्होंने ने भी दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित आरसी शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित आलोक चंद शर्मा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पंडित लोकेश कौशिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित विनीत कुमार शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री पंडित संदीप शर्मा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री कपिल पंडित, संगठन मंत्री शिव कुमार शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित राधेश्याम पांडे और सौरभ मित्तल आदि ने अमर शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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