मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से होगी टीबी कंट्रोल, कोविड के दौरान सिमट गए थे मामले

सीएमओ गाजियाबाद बोले : मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से होगी टीबी कंट्रोल, कोविड के दौरान सिमट गए थे मामले

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से होगी टीबी कंट्रोल, कोविड के दौरान सिमट गए थे मामले

Tricity Today | कार्यक्रम में सीएमओ डा. अखिलेश मोहन का स्वागत करते डीटीओ डा. अनिल यादव

Ghaziabad News : मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने कहा कि टीबी कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से दवा खाने के साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। दरअसल अधकितर मामले पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी को होतें है और इस तरह‌ की टीबी सांस से फैलती है। उन्होंने का मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण कोविड के दौरान टीबी के मामले सिमट गए थे, हालांकि कोविड का हमला भी फेफड़ों पर ही होता लेकिन फिर भी टीबी के मामलों में गिरावट दर्ज होने से साफ है कि टीबी रोगियों और उनके परिवार कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर टीबी की चेन तोड़ने में अहम योगदान कर सकते हैं। डा. अखिलेश मोहन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला क्षय रोग केंद्र आयोजित एडॉप्शन कार्यक्रम के दौरान क्षय रोगियों से बात कर रहे थे।

ध्वजारोहण के बाद 36 टीबी रोगी गोद ‌लिए गए
बृहस्पतिवार को जिला क्षय रोग केंद्र पर ध्वजारोहण किया गया। सभी चिकित्सकों और स्टाफ ने मिलकर राष्ट्रगान करने के साथ ह‌ी राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। उसके बाद 36 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार प्रदान किया गया। इस मौके पर छह क्षय रोगी रेड क्रास सोसायटी गाजियाबाद के आजीवन सदस्य डा. दिनेश वालिगा ने गोद लिए। डा. वालिगा गोद लिए गए रोगियों को अगले छह माह तक भावनात्मक और सामाजिक‌ सहयोग के साथ हर माह पोषण पोटली उपलब्ध कराएंगे। साथी फाउंडेशन द्वारा 30 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान कर गोद लिया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल यादव ने सीएमओ डा. अखिलेश मोहन का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।

परिजनों की टीबी जांच अवश्य कराएं
रेडक्रास सोसायटी की सचिव डा. किरन गर्ग ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए क्षय रोगियों से अनुरोध किया कि वे नियमित रूप दवा खाएं तथा अपने परिजनों की बलगम की जांच अवश्य करवाएं। टीबी की बीमारी सांस के जरिए फैलती है, इसलिए क्षय रोगियों के परिजनों को टीबी संक्रमण क‌ा खतरा ज्यादा रहता है। संक्रमण की जल्दी पहचान से उपचार आसानी से हो जाता है। डा. किरन ने कहा पोषण पोटली में मिलने वाले उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का स्वयं ही उपयोग करें। पोषण युक्त भोजन और नियमित दवा खाने से क्षय रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और क्षय रोगियों को दूसरे संक्रमणों से बचाव में भी मदद मिलती है।

क्षय रोगी अपने परिजनों ‌को टीपीटी अवश्य दिलाएं
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. अनिल यादव ने सीएमओ डा. अखिलेश मोहन और एसीएमओ डॉ. अमित विक्रम का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। डीटीओ ने क्षय रोगियों से अनुरोध किया कि वे पूरे समय तक टीबी की दवाएं खाएं तथा अपने परिजनों को टीबी से बचाव हेतु टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी (टीपीटी ) अवश्य दिलवाएं। टीपीटी की सुविधा जनपद के सभी केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध हैं। क्षय रोगी के सभी परिजनों को सप्ताह में तीन दिन टीपीटी लेनी होती है, यह तीन माह का कोर्स है। इस अवसर पर डा. भव्या श्रीवास्तव, पीपीएम समन्वयक दीपाली गुप्ता, शशिबाला, शांति, अश्वनी, राजे सिंह, कपिल सिंह, विकास, संजय, गौरव मिश्र, पंकज, हेमन्त दूबे, रेड क्रॉस सोसायटी के वॉलंटियर्स मौजूद रहे।

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