- 8 हजार वैक्सीन लाभार्थियों के नाम गौतमबुद्ध नगर से गायब
- हेल्थ डिपार्टमेंट जांच में जुटा
- अधिकारियों के साथ बैठक शुरू
नोएडा और गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आ रही है। इन दोनों जिलों से 16 हजार कोरोना वैक्सीन के लाभार्थियों का डेटा गायब हो गया है। जिसमें से 8 हजार गौतमबुद्ध नगर के है। इन लोगों का डाटा गायब होने के कारण स्वास्थ्य विभाग को अब काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवाने के 28 दिनों बाद दूसरा टीका लगवाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों का डाटा बनता है। जिसमें वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के नाम, उनको टीका लगवाने की तारीख और अन्य जानकारी होती है। यह सह-विन पोर्टल टीकाकरण को रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा डिज़ाइन की गई प्रणाली है। यदि डेटा गायब है, तो कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवाने वाले लोगों को दूसरा टीका नहीं लगाया जा सकता, क्योकि इनकी कोई जानकारी मौजूद नहीं है।
गौतमबुद्धनगर के सीएमओ डॉ दीपक ओहरी ने कहा कि तीसरे चरण में 14,000 से अधिक का टीकाकरण किया था। लेकिन सिस्टम सिर्फ 5,747 लोगों की जानकारी दिखा रहा है। गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि तीसरे चरण में 8 मार्च तक करीब 14,832 लोगों ने टीकाकरण किया था। लेकिन पोर्टल पर केवल 6,676 लोगों का डाटा मिला है। उन्होंने कहा कि, "राज्य के अधिकारियों से हमें भेजे गए पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, हमने महीने के लिए 93,840 लक्ष्य में से केवल 7.14% को कवर किया है।" लेकिन हमारे रिकॉर्ड से पता चला कि यह 1.6% के करीब है।"
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अस्पताल लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने के दौरान उनका डाटा सुरक्षित नहीं किया गया है। इस मामले में सीएमओ ने आदेश दिया है कि सभी लोगों का डाटा पोर्टल पर अपडेट किया जाए। इसके अलावा अधिकारियों के साथ बैठक कर जांच की जा रही है कि डाटा कैसे कवर किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक तीसरे चरण में करीब 3,73,920 लाभार्थी को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है।