दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बनी मौत की सड़क, एक हफ्ते में आठ मौत

Ghaziabad News : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बनी मौत की सड़क, एक हफ्ते में आठ मौत

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बनी मौत की सड़क, एक हफ्ते में आठ मौत

Google Photo | Symbolic

Ghaziabad News : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार को कार से टकराकर सुशील कुमार नाम के एक सिपाही की मौत हो गई। पिछले हफ्ते मंगलवार को इसी एक्सप्रेसवे पर एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई थी। आज एक सिपाही की जान चली गई। जिस कार से सिपाही सुशील की मोटरसाइकिल टकराई थी, उस कार को एक महिला चला रही थी।

देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे 
दिल्ली से मेरठ के बीच बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेसवे को देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे कहा जाता है। दिल्ली-मेरठ के बीच बने इस एक्सप्रेसवे की कई खासियत हैं, लेकिन अपनी खूबी के साथ आजकल यह दुर्घटनाओं के लिए ज्यादा बदनाम हो रहा है। 14 लेन का यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे है। दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी इस एक्सप्रेसवे की वजह से मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाती है। एनसीआर के 2 बड़े शहरों दिल्ली और मेरठ के बीच की यात्रा अवधि को कम करने के लिए इसे बनाया गया है। यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह सिग्नल फ्री है। साथ ही इसका निर्माण चार चरणों में पूरा हुआ था।

दिल्ली से डासना तक 16 लेन चौड़ा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-91 डासना तक 16 लाइन का है। इस एक्सप्रेसवे में कई खूबियां होने के बावजूद यह लोगों की जान के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। कभी यहां रॉन्ग साइड से आती गाड़ियां दिखाई देती हैं तो कई बार कार की लाइन में मोटर साइकिल सवार दिखाई दे जाते हैं। पूरे एक्सप्रेसवे को संभालने के लिए पुलिस स्टाफ हर समय उपलब्ध नहीं होता है। यही कारण है कि लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए वाहनों को मनमुताबिक चलाते हैं। जिस वजह से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे हादसों का एक्सप्रेसवे बनकर रह गया है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.