दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत को थमाया नोटिस, पूछे यह बड़े 10 सवाल

बड़ी खबर : दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत को थमाया नोटिस, पूछे यह बड़े 10 सवाल

दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत को थमाया नोटिस, पूछे यह बड़े 10 सवाल

Social Media | राकेश टिकैत

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत को नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन में जवाब मांगा है। पुलिस ने कहा है कि किसान नेता पुलिस को इसकी ठोस वजह बताएं कि, उन्हें क्यों गिरफ्तार न किया जाए। दिल्ली पुलिस के उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल ने राकैश टिकैत को तीन पन्नों का नोटिस जारी किया है और तीन दिन में जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने किसान नेता से उनके संगठने के उन अराजक और उपद्रवी तत्वों का नाम बताने के लिए भी कहा है, जो दिल्ली हिंसा में शामिल रहे। राकेश टिकैत ने कहा है कि वह जल्दी ही इसका जवाब दिल्ली पुलिस को भेज देंगे। साथ ही वह दिल्ली में हुई हिंसा की जांच में पुलिस को पूरी तरह सहयोग करेंगे।

दरअसल 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर रैली प्रस्तावित थी। सभी किसान नेताओं ने दोपहर 12:00 बजे के बाद ट्रैक्टर परेड शुरू करने का आश्वासन दिया था। राकेश टिकैत का संगठन भी इसमें शामिल था। पर किसान नेताओं के वादे झूठे निकले। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का भारी जत्था सुबह से ही राजधानी में घुसने की कोशिश करने लगा। दोपहर होते-होते हजारों की संख्या में किसान लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान पूरी राजधानी में पुलिस, सुरक्षाबलों और किसानों के बीच झड़प हुई। नांगलोई, आईटीओ और लाल किले के करीब घंटों पुलिस और उपद्रवियों के बीच संघर्ष चलता रहा। 

कई जगहों पर किसान पुलिस को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश करते देखे गए। लाल किला से सटे इलाकों में पुलिस बेबस नजर आई। इसके तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय बैठक शुरू की। बैठक खत्म होने के बाद उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का फैसला लिया गया। हिंसा के लिए किसान नेताओं को जिम्मेदार ठहराया गया है। दिल्ली पुलिस उपायुक्त चिन्मय विश्वाल ने राकेश टिकैत को नोटिस जारी कर अपना जवाब देने के लिए 3 दिन का वक्त दिया है। दरअसल किसान 26 जनवरी को तीन मुख्य बॉर्डर टिकरी बॉर्डर, सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड निकालने वाले थे। इसके लिए सभी किसान संगठनों और प्रशासन के बीच कुछ अहम मुद्दों पर सहमति बनी थी। राकेश टिकैत ने भी इन अहम मुद्दों पर अपनी सहमित दी थी। 

दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत से पूछा है कि आपने आश्वासन दिया था कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण ढंग से की जाएगी। इन तीनों बॉर्डर से परेड दोपहर 12:00 बजे के बाद शुरू होनी थी। क्योंकि उससे पहले राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के कार्यक्रम चल रहे थे। किसान नेता ने कहा था कि परेड की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा के नेता करेंगे। उनकी एक गाड़ी हर बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड में सबसे आगे रहेगी और हालात को नियंत्रित रखेगी। साथ ही संगठनों ने परेड में करीब 5000 ट्रैक्टरों के शामिल होने की बात कही थी। परेड मे किसी भी तरह के हथियार या दूसरे सामान लाने नहीं लाने पर सहमति बनी थी। 

यहां तक कि किसान नेताओं ने परेड में जानवरों को नहीं लाने की बात भी कबूली थी। ट्रैक्टर के साथ ट्रॉली भी नहीं लाना था। पर किसान नेता इन शर्तों का पालन करने में नाकामयाब रहे। कुछ उपद्रवी तथा अराजक तत्वों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली को शर्मसार कर दिया। राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। 26 जनवरी को किसानों ने सुबह 7:30 बजे ही सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी। टिकरी बॉर्डर पर सुबह 8:45 बजे और गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 8:30 बजे ट्रैक्टर परेड शुरू हो गई थी। इसके अलावा भारी संख्या में किसान हथियार भी लेकर आए थे, जो समझौते के खिलाफ था। 

पुलिस उपायुक्त ने राकेश टिकैत से पूछा है कि हिंसा के दौरान वह किसानों को शांत कराते हुए नहीं दिखाई दिए। किसान नेता ने उपद्रवियों को समझाने की कोशिश नहीं की। जबकि राकेश टिकैत ने पुलिस के साथ समझौते में कहा था कि वह ट्रैक्टर परेड की अगुवाई करेंगे और इसे शांतिपूर्ण बनाए रखेंगे। साथ ही दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत के संगठन पर राजधानी दिल्ली के एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारकों को नुकसान पहुंचाने, उनमें तोड़फोड़ करने और राष्ट्रीय स्मारकों में धार्मिक झंडा लगाने का दोषी पाया है। यहां तक कि उपद्रवी किसान लाल किले में भी अपना झंडा लगा आए। 

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत कहीं नजर नहीं आए। पुलिस अधिकारी ने कहा है कि राकेश टिकैत के संगठन ने दूसरे अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर गैर-कानूनी कृत्य किया है। इन संगठनों ने दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाई, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सरकारी और संरक्षित धरोहरों को नुकसान पहुंचा है। दिल्ली पुलिस इन सब के लिए राकेश टिकैत, उनके संगठन और बाकी किसान संगठनों को दोषी मानती है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने किसान नेता से उनके संगठने के उन अराजक और उपद्रवी तत्वों का नाम बताने के लिए भी कहा है, जो दिल्ली हिंसा में शामिल रहे।

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