Ghaziabad : एमएमएच डिग्री कॉलेज में शिक्षक संघ चुनाव बेशक संपन्न करा लिया गया है, मगर चुनाव प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी पर खूब सवाल उठ रहे हैं। एक पक्ष द्वारा 9 मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किए जाने का मामला सुर्खियों में हैं। चुनाव प्रक्रिया में नियमों का पालन न किए जाने से पहली बार शिक्षक संघ दो फाड़ दिखाई दिया है। चुनाव अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक संघ चुनाव में एक पक्ष ने डॉ.कुमुदेश सिंह को तो दूसरे पक्ष ने डॉ. ईशा शर्मा को अध्यक्ष घोषित किया है।
आरोप है कि डॉ.कुमुदेश को अध्यक्ष बनाने के लिए निर्धारित नियमों की अनदेखी की गई। डॉ.ईशा शर्मा के पक्ष में 9 मतदाताओं को वोट डालने के अधिकार से वंचित कर दिया गया। जो शिक्षक छुट्टी पर लियन पर या सबैटिकल छुट्टी पर गए हैं उन्हें हमेशा वोट देने का अधिकार इस महाविद्यालय में दिया गया है। यही नहीं इस महाविद्यालय की एक शिक्षिका मेटरनिटी लीव पर रहते हुए भी वोट देने पहुंची, मगर उन्हें मतदान से वंचित कर दिया गया। ऐसे में चुनाव अधिकारियों को विरोध का भी सामना करना पड़ा।
चुनाव अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ काम होने पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इसके अलावा महाविद्यालय के शिक्षक संघ में कौन लोग वोटर होंगे और कौन नहीं, इसकी लिस्ट हमेशा आउटगोइंग सचिव द्वारा दी जाती है, परंतु इस बार इस लिस्ट को निरस्त कर चुनाव अधिकारियों द्वारा नई लिस्ट जारी की गई। जबकि चुनाव अधिकारियों को इसका कोई अधिकार ही नहीं था।
आम सभा चुनाव में भी देश के अंदर, राज्य के अंदर कौन वोटर होगा, कौन नहीं होगा यह निर्वाचन आयोग की वोटर लिस्ट जो बीएलओ द्वारा तैयार किया जाता है, उससे निर्धारित होता है ना कि चुनाव आयुक्त इस पर फैसला लेते हैं। एमएमएच कॉलेज शिक्षक संघ के चुनाव में चुनाव अधिकारियों ने एक पक्ष का साथ देते हुए निष्पक्षता का उल्लंघन किया और एक पक्ष को समर्थन देने का प्रयास किया। इसके चलते चुनाव में विरोध की आवाज बुलंद हुई है।