Ghaziabad News : सहकर्मियों के उत्पीड़न से परेशान युवती ने गाजियाबाद में जहर खाकर जान दे दी। युवती नोएडा स्थित एक्सिस बैंक के रीजनल कार्यालय (एक्सिस हाऊस) में काम करती थी। वह पिछले छह माह से सहकर्मियों के उत्पीड़न से परेशान थी। वरिष्ठों से शिकायत पर भी कोई सुनवाई न होने से युवती परेशान थी। शुक्रवार शाम नंदग्राम थानाक्षेत्र स्थित घर में जहर खाने के बाद युवती को तत्काल जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से डाक्टरों ने उसे दिल्ली के जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया। रविवार शाम उपचार के दौरान युवती की मौत हो गई। युवती द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर उसके बड़े भाई ने सहकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
महिला सहकर्मी समेत तीन नामजद
नंदग्राम थानाक्षेत्र अंतर्गत हरिनगर, घूकना में श्रद्धाराम त्यागी अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बेटी शिवानी त्यागी एक्सिस बैंक के नोएडा कार्यालय में नौकरी करती थी। आत्मघाती कदम उठाने से पहले उसने सुसाइड नोट लिखा है। जिसके आधार पर शिवानी के भाई गौरव त्यागी ने एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में शिवानी के तीन सहकर्मियों ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम और जनमुश शाकिब समेत अन्य को नामजद किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता- 2023 के आधार पर धारा -108 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
छह माह से उत्पीड़न का आरोप
सुसाइड नोट में शिवानी त्यागी ने लिखा है कि सहकर्मी ज्योति, अकरम और शाकिब पिछले पांच - छह माह से शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। उनके काम में कमी निकालने के साथ ही ताने देते हैं। शिवानी का आरोप है कि वरिष्ठों से शिकायत के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। इसलिए परेशान होकर जान दे रही हूं। आत्महत्या के लिए जिम्मेदार सहकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही
मामले के वादी युवती के भाई गौरव त्यागी ने बताया कि शिवानी ने शुक्रवार शाम करीब चार बजे घर में जहर खा लिया। परिजन तत्काल उसे जिला एमएमजी अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने के कारण डाक्टरों ने उसे दिल्ली के जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया था। रविवार शाम को उपचार के दौरान शिवानी ने दम तोड़ दिया।
क्या हो सकती है सजा
पुलिस ने शिवानी के सहकर्मियों पर उत्पीड़न के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा - 108 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस धारा के तहत आरोपियों पर यदि आत्महत्या के लिए उकसाने का दोष सिद्ध हो जाता है तो मृत्युदंड या 10 साल की सजा और जुर्माना किया जा सकता है।