Ghaziabad News : दूधेश्वरनाथ मंदिर पर दूर- दूर से शिव भक्त शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने आते हैं। यह करीब पांच हजार वर्ष पुराना स्वयंभू शिव मंदिर है। मंदिर के महंत और जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रक्ता नारायण गिरी महाराज ने बताया कि रावण के पिता ऋषि विश्वश्रवा के द्वारा हिंडन किनारे घोर तपस्या की गई थी, उसी के परिणामस्वरूप भगवान शिव स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। उन्होंने बताया कि गाय स्वयं आकर दूध देती थी और गाय के दूध से ही स्वयंभू प्रकट हुए, इसलिए मंदिर का नाम दूधेश्वर हो गया। इन सब बातों का पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है।
पांच हजार साल से पुराना है स्वयंभू शिवलिंग
महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया दूधेश्वर नाथ मंदिर में पांच हजार साल से पुराना स्वयंभू शिवलिंग है। इस अति प्राचीन की बड़ी महत्ता है। इसलिए यहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से भी शिव भक्त आकर जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने बताया कि आज दोपहर बाद 3 बजकर 36 मिनट पर शिवरात्रि का जलाभिषेक शुरू होगा। बुधवार से शिव भक्त त्रयोदशी का जलाभिषेक कर रहे हैं। श्रीमहंत ने बताया कि शिवरात्रि का जलाभिषेक शनिवार दोपहर 3 बजे तक चलेगा।
पांच सौ वालंटियर्स लगे हैं शिवभक्तों की सेवा में
महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि तीन दिन से शिव भक्त लगातार जलाभिषेक कर रहे हैं। पुलिस- प्रशासन की ओर से पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि भोले के भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके अलावा हमारे पांच वालंटियर्स शिवभक्तों की सेवा में लगे हैं।
खराब मौसम के चलते सीएम दौरा रद्द होने की बात कही
महंत नारायण गिरि ने कहा है कि मुख्यमंत्री का दौरा शायद खराब मौसम के कारण रद्द हुआ होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो खुद बहुत बड़े शिवभक्त हैं। लेकिन परिस्थितियों के आगे किसी का बस नहीं चलता। बता दें कि श्रावण शिवरात्रि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कांवड़ यात्रा मार्ग का सर्वेक्षण और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा करने का कार्यक्रम था। शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेरठ और बागपत भी जाना था।