Ghaziabad News : गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां कॉलोनाइजर जीडीए की नाक तले अवैध कॉलोनियां काटकर बड़ा खेल करने में लगे हैं। यहां आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ प्रस्तावित विशेष विकास क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। कॉलोनाइजर स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध बड़े स्तर पर कॉलोनी काटकर लोगों को बेच रहे हैं। नमो भारत ट्रेन की सफलता के बाद इस क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की बाढ़ सी आ गई है। कॉलोनी का नक्शा भी नहीं है और धड़ल्ले से कॉलोनियां काटकर बेची जा रही हैं। यहां विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों पर पूर्व में भी जीडीए का पीला पंजा चल चुका है, लेकिन दबंग कॉलोनाइजरों की मनमानी के आगे जीडीए भी नतमस्तक नजर आ रही है।
आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ TOD जोन घोषित
गाजियाबाद में नमो भारत ट्रेन के आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ विशेष विकास क्षेत्र (TOD) जोन घोषित किया गया है। जहां गाजियाबाद के मास्टर प्लान 2031 में घोषित टीओडी जोन के अंतर्गत नक्शे के विरुद्ध कॉलोनाइजरों द्वारा अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इन अवैध कॉलोनियों में सड़क, चारदीवारी, बनाकर प्लॉट काटे जा रहे हैं। नमो भारत ट्रेन के संचालन के बाद से इस क्षेत्र में प्लॉटस की मांग भी लगातार बढ़ी है। जिसके चलते यहां अवैध कॉलोनियों की बाढ़ आ गई है। खास बात तो ये कि यह सब जीडीए की नाक तले चल रहा है।
पांच कॉलोनियों पर चल चुका है पीला पंजा
जीडीए में प्रवर्तन जोन दो की प्रभारी ओएसडी गुंजा सिंह ने बताया कि गाजियाबाद में प्रस्तावित विशेष विकास क्षेत्र में अवैध तरीके से पांच कॉलोनियां काटी जा रही थीं। जहां 69 हजार वर्ग मीटर जमीन पर बसाई जा रहीं इन कॉलोनी में कॉलोनाइजरों द्वारा चार दिवारी और पक्के भवन का निर्माण कराया जा रहा था। शिकायत मिलने पर भीक्कनपुर, बसंतपुर सैंथली, मोदीनगर के बखारवा में पांच कॉलोनियों के विरुद्ध जीडीए के द्वारा कार्रवाई की गई है। बताया कि बसंतपुर सैंथली के खसरा नंबर 429 और 430 पर आनंद त्यागी, नीरज त्यागी, अंकित त्यागी, कॉलोनी काट रहे थे। यहां तीन कॉलोनी 44 हजार वर्ग मीटर पर विकसित की जा रही थीं। साथ ही भीक्कनपुर में खसरा नंबर 642 पर अजय, धर्मपाल, सौदान, राजीव शर्मा 25 हजार वर्ग मीटर में कॉलोनी काट रहे थे। इन सभी कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए यहां निर्मित पक्के निर्माणों को ध्वस्त किया गया।
कॉलोनाइजर पर मुकदमे से डर रहा जीडीए
टीओडी क्षेत्र में प्लॉट बेचकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए कॉलोनाइजर पहले भी कॉलोनी काटने का प्रयास कर चुके हैं। जीडीए के प्रवर्तन विभाग द्वारा कॉलोनी में लगातार दूसरी बार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इस दौरान कॉलोनाइजर द्वारा जीडीए के प्रवर्तन दस्ते का विरोध किया गया, लेकिन पुलिस और प्राधिकरण के सचल दस्ते ने उन्हें हटाकर कॉलोनी में बने पक्के निर्माण को ध्वस्त किया। जीडीए भी इन कॉलोनाइजरों पर कोई ठोस कदम उठाने से डरता नजर आ रहा है। इस दौरान किसी भी कॉलोनाइजर पर कोई मुकदमे की कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। इससे यह साफ है कि जीडीए की मिली भगत के चलते अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं।