गाजियाबाद में धरा फर्जी सब-इंस्पेक्टर, जानिए बस मालिक से अपराधी बनने तक की दिलचस्प कहानी

दरोगा की वर्दी में माफियागिरी :  गाजियाबाद में धरा फर्जी सब-इंस्पेक्टर, जानिए बस मालिक से अपराधी बनने तक की दिलचस्प कहानी

गाजियाबाद में धरा फर्जी सब-इंस्पेक्टर, जानिए बस मालिक से अपराधी बनने तक की दिलचस्प कहानी

Tricity Today | गाजियाबाद में धरा फर्जी सब-इंस्पेक्टर

Ghaziabad News : सिर पर कर्ज, आर्थिक तंगी और नाकाम जिंदगी ने एक मेहनतकश बस मालिक को अपराधी बना दिया। दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनकर विवादित जमीनों पर कब्जा कराने, छुड़ाने और धमका कर अवैध वसूली करने वाला फर्जी सब- इंसपेक्टर आखिर गाजियाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके पास से दिल्ली पुलिस के सब इंंसपेक्टर की पांच वर्दी, चार स्टार, शोल्डर बैज, पुलिस की बेल्ट और दिल्ली पुलिस के सब—इंसपेक्टर का फर्जी आई कार्ड बरामद हुआ है।

ऐसे शुरू हुई जिंदगी
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच की पकड़ में आया फर्जी दरोगा योगेश शर्मा मूल रूप से शामली जिले का रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में योगेश ने बताया कि वह हाईस्कूल पास है। उसने ड्राइविंग सीखी और दिल्ली में प्राइवेट बस चलाने लगा। लेकिन, जब वो बसें बन्द हो गयीं तो उसने पैसा उधार लेकर अपनी खुद की बस खरीद ली और उसे चलाने लगा। लेकिन, उसमें उसे काफी घाटा हो गया। नतीजतन वह उधार के पैसे नहीं चुका सका।

कर्जदारों से बचने के​ लिए तीन साल रहा हरिद्वार के सत्संग आश्रम में
योगेश ने बताया कि कर्ज की वसूली के लिए लोग उसे परेशान करने लगे। उनसे बचने के लिए वह हरिद्वार भाग गया और वहां सतसंग आश्रम में रहने लगा। तीन साल तक वहां रहने के बाद वह लौट आया और इंदिरापुरम में सहरावत की बस चलाने लगा। गलत संगत व आदतों के कारण पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया। उसके बाद वह बागपत जिले के गोठरा गांव में रहने लगा। वहां रहने के दौरान उसने दिल्ली पुलिस के सब इन्सपेक्टर की कई वर्दियां बनवा लीं और गांव के लोगों को बता दिया कि वह दिल्ली पुलिस में सब इंसपेक्टर हो गया है।

यहां से शुरू हुआ असली खेल

योगेश दरोगा की वर्दी पहनकर मोटर साइकिल पर सवार होकर गांव से निकलता था। वह लोनी, ट्रोनिका सिटी, लोनी बॉर्डर और उससे लगे दिल्ली के आसपास के थाना क्षेत्रों में अपने एक साथी के साथ मिलकर विवादित प्रोपर्टियों व मामलों का डरा धमकाकर निपटारा करने लगा। उसके बदले में वह अवैध रूप से धन उगाही करने लगा। यही काम वह बीते तीन वर्षों से कर रहा है। उसने दिल्ली पुलिस का एक फर्जी आई कार्ड भी बनवा लिया था और जरूरत पड़ने पर उसे दिखा दिया करता था। कभी-कभी सादे कपड़ों में भी वह क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया करता था। पहले भी क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर धोखाधड़ी कर चुका है। उस मामले में साल 2021 में उसे लोनी थाने की पुलिस ने जेल भेजा था।

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